script1993 Mumbai blast case: गुजरात एटीएस ने 29 साल से वांछित 4 आरोपियों को अहमदाबाद से पकड़ा | 1993 Mumbai blast Gujarat ATS Arrests 4 wanted accused in Ahmedabad | Patrika News
अहमदाबाद

1993 Mumbai blast case: गुजरात एटीएस ने 29 साल से वांछित 4 आरोपियों को अहमदाबाद से पकड़ा

1993 Mumbai blastcase Gujarat ATS Arrests 4 wanted accused in Ahmedabd
-चारों को ढूंढ रही थी दुनियाभर की पुलिस, गुजरात एटीएस ने अहमदाबाद एयरपोर्ट सर्कल के पास से पकड़ा
-मुंबई कोर्ट ने घोषित किया है फरार, रेड कॉर्नर नोटिस भी है जारी-सीबीआई को सौंपी जाएगी कस्टडी

अहमदाबादMay 17, 2022 / 09:52 pm

nagendra singh rathore

1993 Mumbai blast case: गुजरात एटीएस ने 29 साल से वांछित 4 आरोपी आरोपियों को अहमदाबाद से पकड़ा

1993 Mumbai blast case: गुजरात एटीएस ने 29 साल से वांछित 4 आरोपी आरोपियों को अहमदाबाद से पकड़ा

 

1993 mumbai blast case 12 मार्च 1993 को मुंबई में 12 जगहों पर हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में 29 साल से वांछित 4 आरोपियों को गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) की टीम ने Ahmedabad से धर दबोचा है। इन चारों को मुंबई पुलिस ही नहीं दुनियाभर की सुरक्षा एजेंसियां तलाश कर रही थीं, क्योंकि इन चारों के विरुद्ध इंटरपोल की ओर से रेड कॉर्नर नोटिस जारी है। इन्हें गुजरात एटीएस ने 12 मई को अहमदाबाद के सरदारनगर इलाके में एयरपोर्ट सर्कल के पास से शंकास्पद हालत में पकड़ लिया। Gujarat ATS के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) अमित विश्वकर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि पकड़े गए इन वांछित आरोपियों में मुंबई सारंग स्ट्रीट बूटवाला बिल्डिंग का मूल निवासी अबू बकर, मुंबई एसएस रोड क्रॉफर्ड मार्केट निवासी सैयद कुरेशी, मुंबई मुसाफिरखाना निवासी मो.शोएब कुरेशी उर्फ शोएब बाबा, मुंबई मुसाफिरखाना निवासी मो.यूसुफ इस्माइल उर्फ यूसुफ भटका शामिल हैं। Abu bakar के पास से कर्नाटक बेंगलुरू निवासी जावेद बाशा के नाम का , सैयद कुरेशी के पास से तमिलनाडु विल्लुपुरम निवासी सैयद अब्बास शरीफ के नाम का, शोएब बाबा के पास से बेंगलुरू निवासी सैयद यासिन के नाम का और यूसुफ भटका के पास से मुंबई निवासी मो.यूसुफ शेख के नाम का फर्जी पासपोर्ट बरामद हुआ था। ये सभी 1993 में मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में वांछित थे। 1993 मुंबई बम ब्लास्ट केस में 257 लोगों की मौत हुई थी। 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। 189 आरोपियों विरुद्ध आरोप पत्र पेश किया है। 2006 में मुंबई की कोर्ट ने 100 आरोपियों को दोषी करार दिया है।
इन चारों आरोपियों की गिरफ्तारी काफी अहम है क्योंकि इनमें से ज्यादातर के संपर्क अभी भी सीधे दाऊद इब्राहिम से होने का पता चला है।

फर्जी पासपोर्ट मामले में गिरफ्तारी, 8 दिन का रिमांड
1993 Mumbai blast case आरोपियों के पास से मिले पासपोर्ट पर शंका होने पर एटीएस की ओर से की गई जांच में पता चला कि इन्होंने फर्जी नाम, पते से फर्जी पासपोर्ट बनवाए हैं, जिससे इनके विरुद्ध गुजरात एटीएस ने आईपीसी और पासपोर्ट एक्ट की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करते हुए चारों को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में पेश कर चारों को आठ दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। पूछताछ में आरोपियों की 1993 ब्लास्ट केस में भूमिका का पता चला, जिससे इनकी गिरफ्तारी के संबंध में इस मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम को सूचित कर दिया गया है। रिमांड खत्म होने के बाद इनकी हिरासत सीबीआई को सौंपी जाएगी।

ब्लास्ट के षडयंत्र, विस्फोटक हेराफेरी में लिप्तता
एटीएस सूत्रों के अनुसार पकड़े गए इन चारों ही आरोपियों की 1993 Mumbai blast case के षडयंत्र में, ब्लास्ट के लिए लाए गए विस्फोटकों की हेराफेरी व उन्हें नष्ट करने के संबंध में लिप्तता है। चारों ही आरोपी पाकिस्तान भी जा चुके हैं। जहां दाऊद इब्राहिम और आईएसआई की मदद से हथियार चलाने, आईईडी डिवाइस बनाने की ट्रेनिंग भी ले चुके हैं। ब्लास्ट के बाद उसमें लिप्तता सामने आने के बाद से आरोपी वांछित थे। ये खाड़ी-अरब देशों सहित अन्य देशों में चले गए थे। आरोपी सोना-चांदी के नामी तस्कर मोहम्मद डोसा गिरोह में शामिल थे।

मुंबई ब्लास्ट केस में चार्जशीट बाद सबसे बड़ी गिरफ्तारी
गुजरात एटीएस के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) दीपेन भद्रन ने बताया कि 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में 4 नवंबर 1993 को चार्जशीट (आरोपपत्र) दायर होने के बाद की यह अब तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी है। क्योंकि इस बार एक साथ चार आरोपियों को पकड़ा है।

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