फर्जी पासपोर्ट मामले में गिरफ्तारी, 8 दिन का रिमांड
1993 Mumbai blast case आरोपियों के पास से मिले पासपोर्ट पर शंका होने पर एटीएस की ओर से की गई जांच में पता चला कि इन्होंने फर्जी नाम, पते से फर्जी पासपोर्ट बनवाए हैं, जिससे इनके विरुद्ध गुजरात एटीएस ने आईपीसी और पासपोर्ट एक्ट की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करते हुए चारों को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में पेश कर चारों को आठ दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। पूछताछ में आरोपियों की 1993 ब्लास्ट केस में भूमिका का पता चला, जिससे इनकी गिरफ्तारी के संबंध में इस मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम को सूचित कर दिया गया है। रिमांड खत्म होने के बाद इनकी हिरासत सीबीआई को सौंपी जाएगी।
ब्लास्ट के षडयंत्र, विस्फोटक हेराफेरी में लिप्तता
एटीएस सूत्रों के अनुसार पकड़े गए इन चारों ही आरोपियों की 1993 Mumbai blast case के षडयंत्र में, ब्लास्ट के लिए लाए गए विस्फोटकों की हेराफेरी व उन्हें नष्ट करने के संबंध में लिप्तता है। चारों ही आरोपी पाकिस्तान भी जा चुके हैं। जहां दाऊद इब्राहिम और आईएसआई की मदद से हथियार चलाने, आईईडी डिवाइस बनाने की ट्रेनिंग भी ले चुके हैं। ब्लास्ट के बाद उसमें लिप्तता सामने आने के बाद से आरोपी वांछित थे। ये खाड़ी-अरब देशों सहित अन्य देशों में चले गए थे। आरोपी सोना-चांदी के नामी तस्कर मोहम्मद डोसा गिरोह में शामिल थे।
मुंबई ब्लास्ट केस में चार्जशीट बाद सबसे बड़ी गिरफ्तारी
गुजरात एटीएस के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) दीपेन भद्रन ने बताया कि 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में 4 नवंबर 1993 को चार्जशीट (आरोपपत्र) दायर होने के बाद की यह अब तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी है। क्योंकि इस बार एक साथ चार आरोपियों को पकड़ा है।