२.२५ करोड़ नागरिकों को मिलेगा पांच लाख तक का निशुल्क उपचार
अहमदाबादPublished: Sep 20, 2018 10:41:05 pm
राज्य के ४४ लाख परिवारों के..आयुष्यमान भारत- प्रधानमंत्री जन स्वास्थ्य योजना
२.२५ करोड़ नागरिकों को मिलेगा पांच लाख तक का निशुल्क उपचार
अहमदाबाद. आयुष्यमान भारत-प्रधानमंत्री जन स्वास्थ्य योजना के अन्तर्गत गुजरात के ४४ लाख से अधिक परिवारों के सवा दो करोड़ नागरिकों को लाभ मिलेगा। योजना के अन्तर्गत एक वर्ष में पांच लाख रुपए तक का निशुल्क उपचार मुहैया कराया जा सकेगा। उपचार खर्च का ६० फीसदी केन्द्र सरकार और ४० फीसदी राज्य सरकार वहन करेगी। प्रदेश में सरकारी व निजी समेत १७०० से अधिक अस्पतालों में इस योजना का लाभ लिया जा सकेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी रविवार को रांची से राष्ट्रीय स्तर पर योजना को शुरू करेंगे।
गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के अनुसार राज्य में अहमदाबाद से इस योजना की शुरूआत रविवार को होगी। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी एवं उप मुख्यमंत्री नितिन अहमदाबाद से व जिला स्तर पर अन्य मंत्री गण योजना को शुरू कराएंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सवा दो करोड़ नागरिक इसका लाभ ले सकेंगे। छोटे बड़े रोगों का वार्षिक पांच लाख रुपए उपचार खर्च के दायरे में इस योजना का लाभ मिलेगा। राज्य में सरकारी एवं निजी १७०० अस्पताल निर्धारित किए गए हैं।अस्पतालों में प्रधानमंत्री आयुष्यमान मित्र उपलब्ध होगा, जो उपचार के समय मरीज एवं परिजनों को मार्गदर्शन देगा। जन स्वास्थ्य की एवज में सबसे बड़ी इस योजना के अन्तर्गत उपचार का साठ फीसदी खर्च केन्द्र और ४० फीसदी खर्च राज्य सरकार वहन करेंगी। उनहोंने कहा कि गुजरात में वर्ष २०११-१२ में किए गए सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के अन्तर्गत गुजरात में २.२५ करोड़ नागरिक लाभ ले सकेंगे। उन्होन कहा कि ५० हजार रुपए तक का उपचार खर्च बीमा कंपनियों की ओर से अस्पतालों को चुकाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से कंपनियों को १६१ करोड़ रुपए चुकाया जाएगा। अधिक उपचार खर्च होगा तो मा वात्सल्य योजना के अन्तर्गत अस्पताल के बिल की जांच कर चुकाया जाएगा। इस योजना में नागरिकों को एक भी रुपए खर्च करने की जरूरत नहीं होगी।
हेल्थ एजेंसी का गठन
उप मुख्यमंत्री पटेल ने कहा कि योजना का अमलीकरण राज्य स्तर पर गुजरात हैल्थ प्रोटेक्शन सोसायटी की ओर से होगा। इसके लिए स्टेट हेल्थ एजेंसी का गठन किया गया है। योजना के लाभ पाने के लिए लाभार्थी का नाम और उसके परिवार के सदस्यों का नाम सामाजिक-आर्थिक और जाति आधारिकत सर्वेक्षण (२०११) सूची में होना जरूरी है।