न्यायाधीश जे बी पारडीवाला ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया। इस मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रेल को होगी।
9 चिकित्सकों में डॉ गुणवंत राठौड़ (58), डॉ नीना शाह (54), डॉ जयेश परीख (51), डॉ प्रशांत मेहता (44), डॉ पंकज मोदी (54), डॉ पार्थ दलाल (41), डॉ विक्रम मेहता (37), डॉ उत्कर्ष शाह (26) व डॉ नील पटेल (27) शामिल हैं।
बी.जे. मेडिकल कॉलेज में सर्जरी विभाग में तीसरे वर्ष में अध्ययरनरत रेसिडेंट चिकित्सक मारीराज ने इन नौ चिकित्सकों के खिलाफ शाहीबाग थाने ने उत्पीडऩ की शिकायत दर्ज की है।
याचिका में इन चिकित्सकों ने अपने खिलाफ दर्ज शिकायत रद्द करने की गुहार लगाई है। इसमें कहा गया कि शिकायतकर्ता चिकित्सकों के साथ लगातार गलत आचरण करता था। साथ ही खुद ऑपरेशन करने के लिए दवाब डालता था। स्वतंत्र रूप से ऑपरेशन की अनुमति नहीं देने पर उसने चिकित्सकों के खिलाफ शिकायत की थी। इसका बदला लेने के लिए पुलिस में यह शिकायत दर्ज की गई है।
याचिका में यह दावा किया गया है कि गत 5 जनवरी को बड़ी सर्जरी होने वाली थी जिसमें शिकायतकर्ता चिकित्सक को अन्य चिकित्सकों की मदद करनी थी, लेकिन मारीराज ने गलत आचरण आरंभ किया और साथ ही इन चिकित्सकों से उसे यह ऑपरेशन स्वतंत्र रूप से करने की बात कही जिसकी उसे अनुमति नहीं दी गई। साथ ही यूनिट बदलने के लिए आत्महत्या की धमकी भी दी।
ज्ञात हो कि सिविल अस्पताल परिसर स्थित बी.जे. मेडिकल कॉलेज में सर्जरी विभाग में तीसरे वर्ष में अध्ययरनरत रेसिडेंट चिकित्सक ने आत्महत्या का प्रयास किया था। चिकित्सक ने नींद की गोलियां खा ली थी। बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। मारीराज ने आरोप लगाया था कि वह दलित है इसलिए उसके साथ भेदभाव होता है। मूलरूप से तमिलनाडु के तिरूनेलवेली जिले के रहने वाले मारीराज ऑल इंडिया कोटे से बी.जे.मेडिकल कॉलेज से एमएस की पढ़ाई कर रहे हैं।
9 चिकित्सकों में डॉ गुणवंत राठौड़ (58), डॉ नीना शाह (54), डॉ जयेश परीख (51), डॉ प्रशांत मेहता (44), डॉ पंकज मोदी (54), डॉ पार्थ दलाल (41), डॉ विक्रम मेहता (37), डॉ उत्कर्ष शाह (26) व डॉ नील पटेल (27) शामिल हैं।
बी.जे. मेडिकल कॉलेज में सर्जरी विभाग में तीसरे वर्ष में अध्ययरनरत रेसिडेंट चिकित्सक मारीराज ने इन नौ चिकित्सकों के खिलाफ शाहीबाग थाने ने उत्पीडऩ की शिकायत दर्ज की है।
याचिका में इन चिकित्सकों ने अपने खिलाफ दर्ज शिकायत रद्द करने की गुहार लगाई है। इसमें कहा गया कि शिकायतकर्ता चिकित्सकों के साथ लगातार गलत आचरण करता था। साथ ही खुद ऑपरेशन करने के लिए दवाब डालता था। स्वतंत्र रूप से ऑपरेशन की अनुमति नहीं देने पर उसने चिकित्सकों के खिलाफ शिकायत की थी। इसका बदला लेने के लिए पुलिस में यह शिकायत दर्ज की गई है।
याचिका में यह दावा किया गया है कि गत 5 जनवरी को बड़ी सर्जरी होने वाली थी जिसमें शिकायतकर्ता चिकित्सक को अन्य चिकित्सकों की मदद करनी थी, लेकिन मारीराज ने गलत आचरण आरंभ किया और साथ ही इन चिकित्सकों से उसे यह ऑपरेशन स्वतंत्र रूप से करने की बात कही जिसकी उसे अनुमति नहीं दी गई। साथ ही यूनिट बदलने के लिए आत्महत्या की धमकी भी दी।
ज्ञात हो कि सिविल अस्पताल परिसर स्थित बी.जे. मेडिकल कॉलेज में सर्जरी विभाग में तीसरे वर्ष में अध्ययरनरत रेसिडेंट चिकित्सक ने आत्महत्या का प्रयास किया था। चिकित्सक ने नींद की गोलियां खा ली थी। बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। मारीराज ने आरोप लगाया था कि वह दलित है इसलिए उसके साथ भेदभाव होता है। मूलरूप से तमिलनाडु के तिरूनेलवेली जिले के रहने वाले मारीराज ऑल इंडिया कोटे से बी.जे.मेडिकल कॉलेज से एमएस की पढ़ाई कर रहे हैं।