17 दिन के उपचार के बाद 91 वर्षीय बुजुर्ग ने कोरोना को दी मात
पॉजिटिव विचारों से कोरोना को किया नेगेटिव
17 दिन के उपचार के बाद 91 वर्षीय बुजुर्ग ने कोरोना को दी मात
अहमदाबाद. दुनिया में ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो प्रतिकूल स्थितियों में मार्ग दर्शक बनते हैं। इसी तरह का उदाहरण इन दिनों शहर के सिविल अस्पताल में मिला जहां 91 वर्षीय मधुमकरभाई पंड्या नामक एक मरीज ने कोरोना जैसी महामारी से जंग लड़कर जीत हासिल की है।
बुजुर्ग एवं बच्चों के लिए कोरोना की महामारी किसी बड़े खतरे से कम नहीं है। इसके बावजूद मधुकरभाई ने युवकों की तरह कोरोना को हरा दिया। सिविल अस्पताल परिसर में स्थित 1200 बेड कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल में 17 दिन पूर्व कोरोना पॉजिटिव मधुकरभाई को भर्ती करवाया गया था। इस उपचार की अवधि में वे पॉजिटिव विचारों के साथ कोरोना नेगेटिव हो गए। उनकी रिपोर्ट गत पांच दिसम्बर को पॉजिटिव आई थी। 1200 बेड अस्पताल में उन्होंने बिना डरे कोरोना को हरा दिया। आध्यत्मिक विचारों वाले मधुकरभाई ने बताया कि उन्हें गायत्री मंत्र से ऊर्जा मिलती है। विपरीत परिस्थितियों में वे उनका कहना है कि अस्पताल में चिकित्सकों से लेकर अन्य स्टाफ के सदस्यों का रवैया सकारात्मक रहा।
उन्होंने कहा कि 17 दिनों की उपचार अवधि में कोरोना ने डराने का प्रयत्न किया लेकिन मनोबल कम नहीं हुआ। ऐसे में वे कोरोना को मात देने में सफल रहे। यही कारण है कि 91 वर्षीय मधुकरभाई ने युवकों की तरह स्वस्थ होकर घर लौट गए।
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