मुख्यमंत्री रुपाणी ने कोर कमेटी की बैठक में कृषि विभाग को सुझाया कि नारियल, आम जैसी जो बागवानी फसलें नष्ट हुई हैं उन्हें पुन: स्थापित करने की संभावना तलाशें और राज्य के कृषि विश्व विद्यालय के कृषि वैज्ञानिक किसानों को तकनीक मार्गदर्शन उपलब्ध कराएं। मुख्यमंत्री रुपाणी के दिशा-निर्देश पर कृषि, किसान कल्याण और सहकारिता विभाग ने राज्य के चार कृषि विश्वविद्यालयों के 193 कृषि वैज्ञानिकों को चक्रवात से प्रभावित और जहां बागवानी फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ है उन जिलों में भेजने की व्यवस्था की है। अमरेली जिले में दांतीवाडा कृषि विश्वविद्यालय के 48, भावनगर जिले में आणंद कृषि विश्वविद्यालय के 43, गीर सोमनाथ में जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय के 78 और सूरत, वलसाडऔर नवसारी जिलो में नवसारी कृषि विश्वविद्यालय के 24 समेत 193 कृषि वैज्ञानिक प्रभावित जिलों में तत्काल पहुंचेंगे।
इन इलाकों में क्षतिग्रस्त बागवानी फसलों के सर्वे के साथ-साथ नारियल, आम, केला, अनार, नींबू के पौधों को पुन: स्थापित करने के लिए वैज्ञानिक किसानों का मार्गदर्शन करेंगे।
मुख्यमंत्री रुपाणी के मार्गदर्शन में इस नए प्रयोग की सफलात आगामी दिनों में देश में बागवानी फसलों के पेड़-पौधों को वैज्ञानिक तरीके से पुन:स्थापित करने में प्रेरणादायक होंगे। कोर कमेटी की बैठक में उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल, शिक्षामंत्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा, ऊर्जा मत्री सौरभ पटेल, मुख्य सचिव अनिल मुकीम, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन, अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकजकुमार, एम.के. दास और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. जयंती रवि और वरिष्ठ सचिव मौजूद थे।