सभी आरोपी दक्षिण पश्चिम दिल्ली में फ्रेंड्स कोलोनी में एक किराए के मकान मेें अप्रेल २०१८ से ठगी का कॉल सेंटर चला रहे थे। मुख्य आरोपी अभी फरार है। आरोपी प्रकाश संजीव के नाम से और कीर्ति हिमांशी के नाम से जबकि पूजा अदिती के नाम से बैंक कर्मचारी बनकर लोगों को फोन करते थे। आरोपी इतने शातिर थे कि पकड़े नहीं जाएं इसलिए हर महीने अपने मोबाइल फोन में सिमकार्ड बदल देते थे।
इस गिरोह के विरुद्ध वकील दीपक मकवाणा ने २४ मई २०१८ को अहमदाबाद के साइबर सेल में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उनके खाते से आरोपियों ने ९९९९ रुपए पार कर दिए थे।
आरोपी लोगों का क्रेडिटकार्ड, एटीएमकार्ड बंद हो गया होने का कहकर उनसे बातचीत शुरू करते और उसे पुन: चालू करने के लिए वेरिफिकेशन प्रक्रिया करने के बहाने से उससे कार्ड का नंबर व सीवीवी नंबर जानते फिर ओटीपी भेजकर ओटीपी की जानकारी ले लेते। इसके बाद व्यक्ति के बैंक खाते से नकदी पार कर देते थे।
आरोपियों की पूछताछ व इनसे बरामद सिमकार्ड की जांच में सामने आया कि गुजरात, राजस्थान सहित 12 राज्यों में १७९९ लोगों को फोन किए गए। सर्वाधिक ३९३ फोन आंध्रप्रदेश के लोगों को किए। गुजरात में करीब पांच सौ लोगों को फोन किए जाने की बात सामने आई है। राजस्थान में 99, चेन्नई में ४५, महाराष्ट्र में ३२३, बिहार में 71, हरियाणा में २०, कर्नाटक में २१८, असम में ३३, झारखंड़ में २३, हिमाचल प्रदेश में १० और पश्चिम बंगाल में ६४ लोगों को बैंककर्मी बनकर फोन किए।
साइबर सेल के उपायुक्त डॉ. राजदीप सिंह झाला ने बताया कि आरोपियों की ओर से ठगी के पैसों को हांसिल करने के लिए नई मॉडस ओपरेंडी अपनाई गई। इसके लिए आरोपियों ने शोपीलाइट डॉट कॉम के नाम से ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट खुद ही बनाई। जिसमें शर्ट, बेल्ट, घड़ी, वोलेट व अन्य गिफ्ट की बिक्री और उस पर आकर्षक सेल और खरीदी पर ८९९९ के गिफ्ट वाउचर देने की स्कीम रखी। ठगी से मिलने वाले पैसे को आरोपी वॉलेट में लाने के बाद इस वेबसाइट के जरिए उसे कैश में परिवर्तित कर लेते थे। अब तक की ओटीपी जानकर ठगी करने वाले झारखंड और दिल्ली के गिरोह की ओर से पैसे को एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में फिर तीसरे वॉलेट में और फिर उसे बैंक खाते में ट्रांसफर करके एटीएम के जरिए नकदी निकालते थे।