रालेज गांव के सरपंच प्रवीणभाई का आरोप है कि कम्पनी का केमिकलयुक्त प्रदूषित पानी समुद्र में छोड़ा गया तो जलसम्पत्ति को भारी नुकसान होने की आशंका है। प्रदूषित पानी के कारण समुद्र में रहने वाली मछली मर जाएंगी। इससे पर्यावरण के नुकसान होने की आशंका है। रालज ग्राम पंचायत की जमीन में कम्पनी की ओर से बिना मंजूरी के ही दो किलोमीटर लम्बी पाइप लाइन बिछाई गई है। इस संबंध में ग्राम पंचायत के किसी प्रकार की मंजूरी नहीं ली गई। ऐसे में पाइप लाइन बिछाने का कार्य बंद करने की मांग की गई है।
ग्राम पंचायत के सदस्य विष्णुभाई व मछुआरे राजूभाई के अनुसार केमिकलयुक्त पानी छोडऩे के कारण मछली मरने से करीब १०० मछुआरे बेरोजगार हो जाएंगे। निकट में स्थित सिकोतर माता के मंदिर में जाने वाले श्रद्धालु समुद्र में स्नान करते हैं और केमिकलयुक्त पानी समुद्र में छोड़ा गया तो उन्हें चर्म रोग होने की आशंका है। ऐसे में समुद्र में प्रदूषित पानी छोडऩे के लिए बिछाई जाने वाली पाइप लाइन का निर्माणकार्य शीघ्र बंद कराने की मांग की गई है।