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अहमदाबाद

Rural Startup गोधरा के मंदिरों में सज रही पल्ला गांव में बनी ‘पूजा की थाली ‘

स्टार्टअप विलेज एंटरप्रिन्योरशिप प्रोग्राम के जरिए गांव की महिलाओं ने ईडीआईआई से सीखे उद्यमिता के गुर, पाया मार्गदर्शन, आर्थिक ऋण
 

अहमदाबादJul 21, 2019 / 04:47 pm

nagendra singh rathore

Palla Village

Rural Startup गोधरा के मंदिरों में सज रही पल्ला गांव में बनी ‘पूजा की थाली ‘

नगेन्द्र सिंह

अहमदाबाद. आदिवासी बहुल पंचमहाल जिले की घोघंबा तहसील के पल्ला गांव की महिलाओं की ओर से बनाई गई बांस की पूजा की थाली इन दिनों गोधरा के कई मंदिरों में सज रही है। जिसके जरिए श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर रहे हैं। जिससे पल्ला गांव की महिलाएं उद्यमी बनकर उभरी हैं।
दरअसल इस गांव में चलने वाले महिलाओं के स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) को देश के ग्रामीण विकास मंत्रालय के गुजरात लाइवलीहुड प्रमोशन कंपनी (जीएलपीसी) के संयोजन वाले स्टार्टअप विलेज एन्टरप्रिन्योरशिप प्रोग्राम (एसवीईपी) के तहत भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई) ने उद्यमिता प्रबंधन के गुर सिखाए। ईडीआईआई एसवीईपी का नेशनल रिसोर्स ऑर्गनाइजेशन है।
प्रशिक्षण के चलते इन महिलाओं ने वर्ष २०१८ में बांस के जरिए नए आकर्षक पेन स्टेंड, साज सज्जा की वस्तुएं एवं पूजा की थाली बनाकर बेचनी शुरू की। कुछ ही समय में महिलाओं के इन उत्पादों की गांव और उनके ब्लॉक से बाहर मांग बढऩे लगी और आज गोधरा के कई मंदिरों में इनकी बनाई बांस की थाली का उपयोग हो रहा है। सरकारी कार्यक्रमों में भी थालियों के ऑर्डर मिल रहे हैं। जिसके चलते गांवों की महिलाओं के इस समूह उद्यम ने व्यापार शुरू करने के लिए ऋण भी अधिकांशत: अदा कर दिया है। इस उद्यम का उद्योग आधार में भी पंजीकरण है, साथ ही नेशनल एन्टरप्रिन्योरशिप अवार्ड २०१८ के लिए भी नामांकित किया गया है।
इस उद्यम को स्थापित करने वाली महिलाओं में से एक रमीलाबेन कल्यान का कहना है कि एसवीईपी टीम के मार्गदर्शन और प्रशिक्षण की मदद से जो बांस के जरिए बेहतर उत्पाद बनाने का कौशल विकसित हुआ है। उसकी मदद से वे और उनके जैसी कई महिलाएं आत्मनिर्भर बनी हैं।
गांव के लोगों में भी उद्यम को लेकर विश्वास जगा
वर्ष २०१६ से शुरू हुए एसवीईपी के तहत बेहतर बदलाव यह दिख रहा है कि गांव के गरीब, पिछड़़े, मध्यमवर्ग के लोगों, महिलाओं में भी यह विश्वास जगा है कि वे भी उद्यम शुरू कर सकते हैं। गुजरात के तीन जिलों-दाहोद के गरबाड़ा, पंचमहाल जिले के घोघंबा और अमरेली जिले के खांभा ब्लॉक के गांवों में अब तक ८४७ व्यक्तिगत उद्यम और एक समूह उद्यम शुरू हुआ है। जिससे लोग आत्मनिर्भर बन रहे हैं। उनकी आजीविका में सुधार हो रहा है। वर्ष २०२०-२१ तक गुजरात के गांवों में ५५ सौ उद्यम शुरू करने का लक्ष्य है।
-राजेश गुप्ता, संयोजक, एसवीईपी, ईडीआईआई
गांव में ही स्वरोजगार का मौका, गरीबों को लाभ
एसवीईपी के जरिए गांव के लोगों को उद्यमिता संबंधी प्रशिक्षण देकर गांव में ही स्वरोजगार का मौका मिल रहा है। गरीबों, पिछड़ों, वंचितों, महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है। जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी।
-सुनील शुक्ला, निदेशक, ईडीआईआई
गांवों में महिला उद्यमी हैं अधिक
स्वयं सहायता ग्रुप के जरिए कार्यान्वित हो रही एसवीईपी का सर्वाधिक लाभ महिलाओं को पहुंच रहा है, क्योंकि ये ग्रुप महिलाओं के ही बने होते हैं। मदद भी महिलाओं के नाम पर ही पहुंचती है। हालांकि उनके खून के रिश्तेदार भी इसके जरिए अपना उद्यम शुरू कर पैरों पर खड़े हो रहे हैं। सबसे ज्यादा ७२ फीसदी (२२६) महिला उद्यमी एसवीईपी के जरिए गरबाड़ा में उभरी हैं। यहां १६१ पुरुष उद्यमी हैं। घोघंबा में ६४ फीसदी यानि १७३ महिला उद्यमी, 99 पुरुष उद्यमी हैं। खांभा में ५० प्रतिशत (९९) महिलाओं ने उद्यम शुरू किए हैं। ९८ पुरुषों ने उद्यम शुरू किए हैं।
गरबाड़ा में एसटी, घोघंबा, खांभा में ओबीसी उद्यमी अधिक
एवीईपी योजना के तहत अब तक गुजरात में बने उद्यमों की सामाजिक श्रेणियों के आधार पर गणना की जाए तो गरबाड़ा में ८७ फीसदी एसटी उद्यमी जबकि घोघंबा में ७० और खांभा में ७२ फीसदी ओबीसी श्रेणी के लोगों ने उद्यम शुरू किए हैं।
सर्विस और ट्रेडिंग में ज्यादा उद्यम
गुजरात में सबसे ज्यादा सेवा क्षेत्र और फिर ट्रेडिंग के क्षेत्र में उद्यम गांवों में शुरू हुए हैं। इसमें गरबाड़ा में ५० फीसदी सर्विस, ४९ प्रतिशत ट्रेडिंग के क्षेत्र में , घोघंबा में ४९ प्रतिशत ट्रेडिंग और ४४ फीसदी सर्विस के क्षेत्र में जबकि खांभा में ५० फीसदी सर्विस और ३८ फीसदी ट्रेडिंग के क्षेत्र में उद्यम शुरु हुए हैं। मैन्युफैक्चरिंग में कम उद्यम शुरू हुए हैं।
गांवों में इन क्षेत्रों में उद्यम
ऑटो गैरेज, ब्यूटी पार्लर, केबल ऑपरेटर, शंटिंग, आटा चक्की, हेयर सलून, मंडप डेकोरेशन, डीजे, केन्टीन, फेब्रिकेशन, घास कटिंग मशीन, टाइल्स फिटिंग, प्लम्बिंग, किराणा स्टोर, कपड़ों की दुकान, पान पार्लर, कटलरी, जनरल स्टोर, मोबाइल शॉप, सोडा की दुकान, सब्जी की लारी, लहसुन ट्रेडिंग,
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