Ahmedabad News: नेत्रहीनों को अब नोट पहचानने में नहीं होगी परेशानी, क्यों पढि़ए खबर…
Blind people, currency Note, Visually impaired, Drishti assistive device, NID, design, identification नेत्रहीनों को आसानी से नोट पहचानने वाली मिली ‘दृष्टि’, एनआईडी विद्यार्थियों ने की है डिजाइन
Ahmedabad News: नेत्रहीनों को अब नोट पहचानने में नहीं होगी परेशानी, क्यों पढि़ए खबर…
अहमदाबाद. नेत्रहीन लोग अब 10 रुपए, 50 रुपए, 100 रुपए या फिर 500 रुपए के नए और पुराने दर के नोट को भी आसानी से पहचान सकते हैं। नोट पहचानने को और आसान बनाने वाला एक उत्पाद National design institute राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) के दो विद्यार्थियों- मनी तेजा लिंगला और मृदुल चिलमुलवर ने डिजाइन किया है। प्रोफेसर गायत्री मेनन के मार्गदर्शन में तैयार किए गए इस उत्पाद का नाम Drishti ‘दृष्टि ‘ है।
प्रोडक्ट डिजाइन में मास्टर ऑफ डिजाइन की पढ़ाई करने वाले छात्र मनी तेजा बताते हंै कि यह उपकरण एक टेम्प्लेट की तरह है। इसमें नोट को उसके आकार यानि लंबाई और चौड़ाई के जरिए पहचाना जाता है। हर नोट की लंबाई और चौड़ाई अमूमन अलग-अलग होती है। जिस नोट की लंबाई और चौड़ाई एक समान है, उन्हें भी इस उपकरण के जरिए आसानी से पहचाना जा सकता है। यदि इसे उत्पाद के रूप में बाजार में लाया जाए तो इसे लोगों तक तीन से चार रुपए में ही पहुंचाना संभव है।
संस्थान के विद्यार्थियों ने “डिजाइन फॉर स्पेशल नीड्स” प्रोग्राम के तहत नेत्रहीनों की समस्याओं को कम करने के लिए काम शुरू किया। इसके लिए ब्लाइंड पीपल एसोसिएशन (बीपीए) के नेत्रहीन विद्यार्थियों की भी मदद ली गई।
ज्यादातर नेत्रहीन लोग नोटों में दिए वर्गाकार, गोल, आयताकार और तिकोण जैसे उभरे आकार के आधार पर नोट को स्पर्श कर पहचानते हैं। ये चिन्ह कई बार समय के साथ और भींगने के चलते फीके पड़ जाते है, जिससे यह तरीका भी उनके लिए मुश्किल हो जाता है। नोटबंदी के बाद पांच सौ रुपए और एक हजार के नोट बंद होने और उसकी जगह पांच सौ का नया और दो सौ रुपए का नया नोट तथा दो हजार का नया नोट बाजार में आया है। इस कारण इन्हें इन नोटों को पहचानने में दिक्कत होती है। इस परेशानी को दूर करने के लिए उपकरण बनाया है।
उपयोगकर्ता को केवल टेम्प्लेट के ऊपर नोट रखने की आवश्यकता होती है और वे नोट की लंबाई और चौड़ाई के आधार पर उसकी कीमत की पहचान कर सकते हैं।
यह कारगर है या नहीं इसके लिए 3 अलग-अलग समूहों (पुराने कम मूल्यवर्ग 5,10,20 / पुराने उच्च मूल्यवर्ग 50,100 और नए नोट 50,200,500,2000) में नोटों को विभाजित कर नेत्रहीनों से नोट की पहचान करवाई गई। जिसमें वे आसानी से नोट पहचान गए। इसे आसानी से वॉलेट या पॉकेट में भी ले जाया जा सकता है। छोटे से बदलाव कर इसे नए जारी होने वाले नोटों की पहचान करने में भी सक्षम बनाया जा सकता है।