बोर्ड परीक्षा फॉर्म भरने में आधार कार्ड की जानकारी अनिवार्य नहीं: गुजरात सरकार
-राज्य सरकार ने पेश किया हलफनामा
-आधार कार्ड की जानकारी मांगने व अल्पसंख्यकों में मुस्लिमों का ही विशेष डाटा मांगने को लेकर जनहित याचिका
बोर्ड परीक्षा फॉर्म भरने में आधार कार्ड की जानकारी अनिवार्य नहीं: गुजरात सरकार
अहमदाबाद. गुजरात सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया है कि राज्य में दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर विद्यार्थियों से परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान आधार कार्ड की जानकारी को अनिवार्य नहीं किया गया है। इतना ही नहीं, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से वर्ष 2012 में धार्मिक अल्पसंख्यकों का डाटा तैयार करने का एक परिपत्र जारी किया गया था।
गुजरात माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (जीएसईबी) की ओर से अगले वर्ष मार्च में आयोजित होने वाली दसवीं, बारहवीं की बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों से परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान आधारकार्ड की जानकारी मांगे जाने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए गत महीने जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई थी।
इस याचिका पर प्रभारी मुख्य न्यायाधीश अनंत एस. दवे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस याचिका पर राज्य सरकार व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया था।
ऑनलाइन फॉर्म भरने की पद्धति अमलीकरण करने के कारण राज्य सरकार ने हलफनामा पेश किया है। इसमें कहा गया है कि मैन पावर बचाने के लिए कागज व ईंधन की बचत के लिए ऑनलाइन पद्धति अपनाई गई है। इसके अलावा इन्टरनेट की सुविधा नहीं होने वाले अंदरूनी इलाकों में परीक्षा फॉर्म भरने की समय सीमा बढा दी गई है।
याचिका में बताया गया है कि सुप्रीमकोर्ट की ओर से आधारकार्ड को आवश्यक सेवाओं के अलावा अन्य जगह आधारकार्ड की जानकारी नहीं लेने का निर्देश दिया है, इसके बावजूद गुजरात में बोर्ड परीक्षार्थियों से आधार कार्ड की जानकारी मांगी जा रही है। इसमेंं यह भी दावा किया गया है कि आधारकार्ड की जानकारी नहीं देने पर बोर्ड परीक्षा का ऑनलाइन फॉर्म आगे ही नहीं बढ़ता है। इसके अलावा परीक्षा फॉर्म में अल्पसंख्यकों में सिर्फ मुस्लिमों का ही विशेष डाटा मांगा जा रहा है। इसलिए आधारकार्ड का ब्यौरा दिए बिना और अपना धर्म बताए बिना विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा का ऑनलाइन फॉर्म भरने की छूट दी जाए।
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