नेशनल हाइस्पीड रेल कॉर्पोरेशन की प्रवक्ता सुष्मा गौड़ के अनुसार अहमदाबाद से मुंबई के बीच दौडऩे वाली यह बुलेट ट्रेन 12 से 15 मीटर की ऊंचाई पर एलीवेटेड कोरिडोर (Elevator corridor) पर दौड़ेगी। हालांकि वापी से मुंबई के बीच समुद्र में टनल (tunnel) के भीतर दौड़ेगी। कभीकभार मुंबई के अलावा दक्षिण गुजरात में भारी बारिश होती है और ट्रेन ऊंचाई होने से यूं तो बुलेट ट्रेन में दिक्कत तो नहीं होगी। इसके बावजूद ट्रेन में रेन गेज सिस्टम (Rain guage system) लगाएं जाएंगे और पानी का स्तर जांच जाएगा। बाद में ट्रेन की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। वहीं सुरंग में प्रवेश द्वारों पर और छह स्थानों पर सेंसर लगाए जाएंगे। वहीं बुलेट ट्रेन के एलीवेटेड कोरिडोर पर 14 स्थानों एवं गुजरात की आठ नदियों पर तेज हवाओं के अलावा दिशा को नापने के लिए मीटर लगाया जाएंगे। ऐसे में यदिहवा की रफ्तार 30 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा होती है तो ऑपरेशन कंट्रोल सिस्टम सेफ्टी अलार्म (Alarm) बजेगा। बाद में कंट्रोल रूम से ट्रेन रोक दी जाएगी। कंट्रोल सिस्टम साबरमती डिपो (sabarmati depot) में बनेगा। वहीं गुजरात और महाराष्ट्र में कई बार पारा ज्यादा होता है। ऐसे समय जब ट्रेन 320 किलोमीटर की रफ्तार दौड़ेगी तो उस समय पटरी का तापमान 50 से 55 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। ऐसी स्थिति पर नजर रखने के लिए हर 100 किलोमीटर पर पटरी का तापमान तापमान जाएगा। यदि पटरी का तापमान 65 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचेगा तो यात्रियों और ट्रेन की सुरक्षा के मद्देनजर ट्रेन थम जाएगी।