-विज्ञान को प्रचलित करने के लिए डीएसटी ने साइंस सिटी को २०१३-१४ से १७-१८ के दौरान डीएसटी ने २६.८१ करोड़ रुपए दिए थे। इसमें से १९.५७ करोड़ ही खर्च हुए।
-आईएसआर को डीएसटी ने २०१३-१४ के दौरान भूकंप शोध के लिए ६९.७९ करोड़ का अनुदान दिया था। जिसमें से ४१.४६ करोड़ खर्च हुए। ऑडिट में ध्यान में ५४.७५ करोड़ की राशि शोध योजनाओं के लिए आवंटित की हैं। इसमें से इंस्टीट्यूट ने २० करोड़ यानि केवल ३६.५३ प्रतिशत राशि का उपयोग किया। मार्च २०१७ की स्थिति में ३४.७५ करोड़ बिन उपयोगी रहे। इंस्टीट्यूट ने २०१३-१४ से २०१६-१७ के दौरान मिले अनुदान के पूरे-पूरे उपयोग होने का प्रमाण-पत्र डीएसटी को भेजा था, जो सही नहीं पाया गया, क्योंकि उसमें वास्तविक खर्च का उल्लेख ही नहीं है।
-डीएसटी ने जीआईएल को सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों को सीसीसी प्लस के प्रशिक्षण के लिए २०१४-१५ से २०१६-१७ के दौरान २.७५ करोड़ दिए थे, जिसमें से मार्च २०१७ तक सिर्फ १७ लाख खर्च हुए।