सीबीआई के अनुसार फूड केन का व्यापार करने वाले एक व्यक्ति ने राजकोट डीजीएफटी कार्यालय में फूड केन निर्यात से जडु़ी 6 फाइलें जरूरी दस्तावेजों के साथ मंजूरी के लिए पेश की थीं। जिसके तहत 50 लाख रुपए की बैंक गारंटी को मुक्त करने के लिए डीजीएफटी से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओजी) जारी करने की मांग की गई थी। आरोप है कि इस कार्य को करने के लिए जॉइंट डीजीएफटी की ओर से शिकायतकर्ता के पास से 8 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की। जिसके तहत पांच लाख रुपए पहले और बाकी के एनओसी देते समय मांगे थे। यह रिश्वत शिकायतकर्ता देना नहीं चाहता था, जिससे उसने सीबीआई में इसकी शिकायत कर दी। इसके आधार पर सीबीआई ने शुक्रवार को जाल बिछाया और जॉइंट डीजीएफटी को पांच लाख रुपए की रिश्वत स्वीकारने के आरोप में रंगेहाथों पकड़ लिया।