बोगस बिल बनाने के रैकेट का पर्दाफाश
672.32 करोड़ के बनाए बोगस बिल, कुशल लिमिटेड के सीएमडी गिरफ्तार
बोगस बिल बनाने के रैकेट का पर्दाफाश
अहमदाबाद. केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी)-अहमदाबाद दक्षिण आयुक्त कार्यालय की अन्वेषण शाखा ने बोगस बिल जारी करने के रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस मामले में 672.32 करोड़ रुपए के बोगस बिल बनाकर 88.78 करोड़ रुपए के इनपुट टेक्स क्रेडिट का दुरुपयोग करने को लेकर कुशल लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुदीप अग्रवाल (52) को गिरफ्तार कर लिया। सीजीएसटी की टीम ने आरोपी अग्रवाल को मंगलवार को अतिरिक्त सत्र न्यायालय में पेश किया।
सीजीएसटी ने इस रैकेट का मास्टर माइंड कुशल लिमिटेड के संदीप अग्रवाल का बताया है, जो बोगस बिल, रसीद और वास्तविक चीज वस्तुओं के बगैर ही बिल जारी करने से जुड़े हैं। चीजवस्तुओं की जो भी खरीदारी या बिक्री की गई वह सिर्फ कागजों पर ही थी। इन बिलों के साथ एसएल या ई-वे बिल शामिल नहीं थे। सीजीएसटी का दावा है कि कुशल लिमिटेड ने कभी भी वास्तविक वस्तुओं की खरीदारी नहीं की और ना ही बिक्री की। सभी लेनदेन सिर्फ कागजों पर ही थे। संदीप अग्रवाल का भी बयान लिया गया है, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया है कि किसी भी वस्तुओं का लेनदेन नहीं हुआ। इसका मतलब यह हुआ कि कोई भी ई-वे बिल, एसएल या परिवहन के दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं थे। उन्होंने इन लेनदेन के लिए एक अलग से बैंक खाता खुलवाया था। इसके अलावा फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल करने के लिए कुशल लिमिटेड ने अलग-अलग राज्यों में कम्पनियां बनाई थी। बगैर किसी भी वस्तुओं की सप्लाय किए ही अलग-अलग राज्यों में विभिन्न कम्पनियां बनाकर फर्जी बिल बनाए थे। इसके जरिए 88.78 करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट का दुरुपयोग किया। ऐसे अपराध सीजीएसटी की धारा 2017 के प्रावधान 132 के तहत इरादापूर्वक और गैरजमानत अपराध की श्रेणी में आता है। इससे कुशल लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संदीप अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया और मंगलवार को अदालत में पेश किया गया। सीजीएसटी विभाग बोगस बिलों जारी करने वालों पर बारीकी से नजर रख रही है।
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