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GST- फर्जी बिलों से करोड़ों की इनपुट टैक्स क्रेडिट की धोखाधड़ी उजागर

locationअहमदाबादPublished: Jul 24, 2020 08:52:26 pm

Submitted by:

Pushpendra Rajput

CGST, fake invoice, input tax credit, fraud, company registration: सीजीएसटी -गांधीनगर ने कार्रवाई

GST- फर्जी बिलों से करोड़ों की इनपुट टैक्स क्रेडिट की धोखाधड़ी उजागर

GST- फर्जी बिलों से करोड़ों की इनपुट टैक्स क्रेडिट की धोखाधड़ी उजागर

गांधीनगर. सेन्ट्रल जीएसटी एवं सेन्ट्रल एक्साइज (CGST)-गांधीनगर आयुक्त कार्यालय की अन्वेषण शाखा (preventive wing) के अधिकारियों ने अलग-अलग ठिकानों पर दबिश देकर फर्जी बिल (fake bill) बनाकर करोड़ों रुपए की इनपुट टैक्स क्रेडिट (input tax credit) की धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है।
सेन्ट्रल जीएसटी आयुक्त कार्यालय के अनुसार हिम्मतनगर के प्रांतिज में वी.के. एन्टरप्राइज नाम से कालीदास पंचाल फर्जी कम्पनी चलाने की जानकारी अधिकारियों को मिली थी। जिस पते पर कंपनी का रजिस्ट्रेशन (company registration) कराया गया था वहां कंपनी नहीं थी। उसने फर्जी पते, ई-मेल आईडी और फोन नंबर पर कंपनी रजिस्ट्रेशन कराई थी और बगैर किसी भी माल या सर्विस के वह फर्जी बिल जारी करता था और बगैर गुड्ज या सर्विसेज के धोखाधड़ी से इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल करता था।
वहीं आशिफ मोहम्मद सैयद ने गांधीनगर के वावोल में अल्ट्रा ट्रेडिंग कंपनी के नाम से फर्जी कंपनी बनाई थी, जिस पते पर उसने कंपनी रजिस्ट्रेशन कराई थी वह फर्जी था। साथ ही रजिस्ट्रेशन के दस्तावेज, ई-मेल, फोन नंबर और भी फर्जी थे। बगैर किसी गुड्ज और सर्विस आपूर्ति के फर्जी बिल जारी करता था। गुड्ज और सर्विसेज की असली रसीद एवं खरीद बिलों के बगैर ही इनपुट टैक्स क्रेडिट धोखाधड़ी कर हासिल करता था।
इसके अलावा अमित विष्णु प्रसाद पाठक, जिसने गांधीनगर के विरडोल में मेसर्स पटेल के नाम से फर्जी कंपनी बनाकर बगैर सर्विस और गुड्ज आपूर्ति के धोखाधड़ी से इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल की थी। इसके अलावा पाटण के राधनपुर में स्टार ट्रेडर्स के नाम से रंजन भौमिक ने भी फर्जी कंपनी रजिस्टर कराई थी। उसने भी फर्जी दस्तावेजों के जरिए धोखाधड़ी कर इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल किया था।
सेन्ट्रल जीएसटी और सेन्ट्रल एक्साइज-गांधीनगर की अन्वेषण टीम के अधिकारियों की जांच में यह सामने आया कि इन सभी मोडस ऑपरेण्डी एक जैसी ही थी। उन्होंने करीब 173 करोड़ रुपए के फर्जी बिल जारी किए थे, जिसमें 30.50 करोड़ रुपए की इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल कर धोखाधड़ी की गई। इन सभी ने बगैर किसी रसीद के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल किया था। वे अलग-अलग कंपनियों को फर्जी बिल बनाकर देते थे। फिलहाल इन कम्पनियों के खिलाफ जीएसटी अधिकारी कार्रवाई कर रहे हैं।
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