नेताओं को सेना के कार्यों के बारे में जानना जरूरी
जनरल मलिक ने कहा कि राजनीतिक नेताओं को सेना के कार्यों के बारे में ज्यादा जानना बेहद जरूरी है। इससे दोनों के बीच दूरी घटेगी। उन्होंने इस बार के केन्द्रीय बजट में रक्षा बजट पर आवंटन को समुचित नहीं बताया। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेनाओं की जरूरतों को देखते हुए यह ज्यादा नहीं है। बजट कम होने के कारण निजी कंपनियां इस क्षेत्र में नहीं आ रही हैं। सैन्य उपकरणों के आयात पर निर्भरता को खत्म करने की जरूरतों पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया के बावजूद हमें अपने उपकरणों की कमी को पूरा करने में 10 से 15 वर्ष लगेंगे।
जनरल मलिक ने कहा कि राजनीतिक नेताओं को सेना के कार्यों के बारे में ज्यादा जानना बेहद जरूरी है। इससे दोनों के बीच दूरी घटेगी। उन्होंने इस बार के केन्द्रीय बजट में रक्षा बजट पर आवंटन को समुचित नहीं बताया। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेनाओं की जरूरतों को देखते हुए यह ज्यादा नहीं है। बजट कम होने के कारण निजी कंपनियां इस क्षेत्र में नहीं आ रही हैं। सैन्य उपकरणों के आयात पर निर्भरता को खत्म करने की जरूरतों पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया के बावजूद हमें अपने उपकरणों की कमी को पूरा करने में 10 से 15 वर्ष लगेंगे।