यह है मान्यता :
आदिवासी समाज के लोगों का मानना है कि आदिवासी प्रकृति पूजक हैं और वर्षों से प्रकृति की पूजा करते आए हैं। उनके मतानुसार ब्रह्मांण में सूर्य के चक्कर लगाते समय पृथ्वी सहित अन्य ग्रह दायीं से बायीं ओर घूमते हैं। पेड़ की वेल दाहिनी से बायीं ओर झुकी रहती हैं। पृथ्वी भी अपनी धुरी पर दाहिनी से बायीं ओर घूमती है। विज्ञान के सिद्धांतों के अनुसार इलेक्ट्रोन भी अणु के चारों ओर दाहिनी से बायीं ओर खिंचते हैं। इन सभी मान्यताओं को ध्यान में रखकर आदिवासी समाज दाहिनी ओर से हल चलाते हैं।
आदिवासी समाज का मानना है कि यह दिशा सही दिशा है, इसलिए घड़ी के आंकड़े भी बायीं ओर बनाए गए हैं।