सीएम ने एक और अहम निर्णय किया है, जिसके तहत यदि कोई इमारत फायर सेफ्टी से जुड़े नियमों को पूरा करती है। तो उसे फायर एनओसी पाने के लिए उस इमारत के पास बिल्डिंग यूज परमिशन (बीयू) होनी जरूरी नहीं है। दरअसल राज्य में कई मामलों में सामने आया है कि इमारत ने फायर एनओसी के सभी प्रावधान पूर्ण कर लिए हैं, लेकिन बावजूद उसके बीयू परमिशन न होने के चलते ऐसी इमारतों को फायर एनओसी नहीं दी जाती है। बिल्डिंग यूज (बीयू) परमिशन नहीं मिलने के कई अन्य कारण हो सकते हैं। इस संदर्भ में राज्य सरकार की ओर से अग्निशमन सेवाओं के निदेशक को स्पष्टता करते हुए कहा गया है कि फायर एनओसी देने पूर्व बीयू परमिशन की आवश्यकता होती है। यानि जहां बीयू परमशीन न हो लेकिन फायर एनओसी के नियम पूरे हो रहे हैं वहां फायर एनओसी के लिए बीयू परमशीन अनिवार्य नहीं होगी।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने यह भी निर्णय किया है कि शहरी विकास प्राधिकरण वाले क्षेत्रों के लिए संबंधित महानगरपालिका के मुख्य अग्निशमन अधिकारी फायर एनओसी देंगे। नगरपालिका क्षेत्रों में नगरपालिका के अग्निशमन अधिकारी फायर एनओसी देंगे। इसके अधिकार उन्हें दिए जाएंगे। इसके चलते नगरों में लोगों को जल्द फायर एनओसी मिल सकेगी।
अब राज्य में अब 14 फायर रीजन कार्यरत होंगे। जिसके तहत अभी आठ महानगरों-अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट, भावनगर, जूनागढ़, जामनगर, गांधीनगर के अलावा रीजनल कमिश्नर ऑफ म्युनिसिपालिटीज कार्यालय के कार्य के क्षेत्र यानि अहमदाबाद, सूरत,वडोदरा, गांधीनगर, राजकोट और भावनगर सहि छह नए फायर रीजन बनेंगे। जिससे राज्य में कुल 14 फायर रीजन कार्यरत होंगे। इन फायर रीजन के फायर ऑफिसरों को आईएएसस्तर के अधिकारी कि जो प्रादेशिक मनपा आयुक्त के तहत कार्यरत होंगे उनके मातहत कार्य करना होगा।