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अहमदाबाद

शीतलहर ने ठिठुरा दिया

गुजरात तट से भले ही ओखी चक्रवात का संकट टल गया है लेकिन अब सर्दी ठिठुराने लगी है। सर्दी के कारण गिरनार तलहटी के निकट रहने वाले एक बुजुर्ग की मौत होने

अहमदाबादDec 07, 2017 / 10:20 pm

मुकेश शर्मा

Cold wave

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अहमदाबाद।गुजरात तट से भले ही ओखी चक्रवात का संकट टल गया है लेकिन अब सर्दी ठिठुराने लगी है। सर्दी के कारण गिरनार तलहटी के निकट रहने वाले एक बुजुर्ग की मौत होने की खबर है। अभी तीन दिनों तक राज्य के कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।

ओखी चक्रवात से बदले मौसम के कारण गुजरात समेत कई राज्यों में सर्दी का जोर बढ़ गया है। अहमदाबाद शहर में दोपहर को भी कडक़ड़ाती सर्दी महसूस हो रही है। जिससे आमजन गर्म कपड़ों में नजर आ रहे हैं। एकाएक बढ़ी सर्दी से बाजारों में भी चहल-पहल कम रही। मंगलवार तडक़े से दिन भर बूंदाबांदी हुई। कई जगहों अच्छी बारिश भी हुई। सर्दी का जोर ऐसा कि मंगलवार रात को दस बजे के बाद सडक़ों पर यातायात काफी कम दिखाई दिया।

मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान में तेरह डिग्री तक की कमी आई है। बुधवार को अहमदाबाद शहर में अधिकतम तापमान १९ डिग्री तो न्यूनतम तापमान १५.६ डिग्री सेन्टीग्रेड दर्ज किया गया। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह अधिकतम तापमान ३२ डिग्री तक पहुंच गया था। जिसकी वजह से सर्दी का जोर बढ़ रहा है। आगामी दो दिनों तक राज्य के कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश होने की भी संभावना जताई गई है।

गिरनार तलहटी में बुजुर्ग की मौत

जूनागढ़ संवाददाता के अनुसार जूनागढ़ व आसपास गिरनार तलहटी क्षेत्र में सर्दी का जोर बढ़ गया है। गिरनार पर्वत पर भी कडक़ड़ाती सर्दी है। गिरनार तलहटी के रास्ते में स्थित ‘रुखड़ा दादा’ के वृक्ष के समीप रहने वाले वसंत लखमण सोलंकी (७०) की बुधवार को सर्दी के कारण मौत हो गई। वसंत गिर सोमनाथ जिले की ऊना तहसील निवासी थे। सेवाभावी जगदीश वसावडा ने बताया कि वसंत भाई तीन चार वर्ष से यहां झोंपड़ी बनाकर रहते थे जो जीवों की सेवा करते थे। सर्दी से हुई मौत के बारे में पुलिस जांच कर रही है।

सर्दी से पशुओं को बचाने का प्रयास

आणंद. ओखी चक्रवात भले ही समुद्र में विलीन हो गया है लेकिन उसके बाद मौसम पूरी तरह से बदल गया है। सभी जगहों पर सर्दी बढ़ गई है। जिसके चलते न सिर्फ मनुष्य बल्कि पशु-पक्षी भी परेशान नजर आ रहे हैं। आणंद कृषि विश्वविद्यालय हवा की गति ११.२ किलोमीटर प्रति घंटे की रही। अधिकतम तापमान में काफी कमी आई है। बूंदाबांदी के कारण जीरे व कपास जैसी फसल को नुकसान होने की संभावना है।

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