आरोपियों की कोर्ट में पेशी के लिए अब आरटीपीसीआर नहीं अनिवार्य
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आरोपियों की कोर्ट में पेशी के लिए अब आरटीपीसीआर नहीं अनिवार्य
अहमदाबाद. कोरोना संक्रमण काल में किसी भी अपराध में लिप्त होने के आरोप में पकड़े जाने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करने के २४ घंटे में कोर्ट में पेश करने के लिए अब कोरोना का आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य नहीं है। कोरोना के लिए रेपिड एंटीजन टेस्ट का परिणाम भी कोर्ट में आरोपियों को पेश करने के लिए मान्य रहेगा।
गुजरात हाईकोर्ट में इस बाबत दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान गुजरात हाईकोर्ट की ओर से दिए गए निर्देश को मद्देनजर रखते हुए गुजरात पुलिस की ओर से इस बाबत बुधवार को आधिकारिक निर्देश जारी किए गए हैं। रेपिड एंटीजन टेस्ट का परिणाम १० से १५ मिनट में ही आ जाता है, जबकि आरटीपीसीआर टेस्ट के परिणाम के लिए दो दिन तक राह देखनी पड़ती है।
कानून एवं व्यवस्था के आईजीपी एन एस कोमर की ओर से इस बाबत निर्देश जारी किए हैं। जिसमें कहा है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के कोविड १९ टेस्टिंग प्रोटोकॉल एवं चिकित्सकीय अभिप्राय के तहत भी रेपिड एंटीजन टेस्ट मान्य हैं। इस बाबत चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त निदेशक का पत्र भी है।
इन सब को ध्यान में रखते हुए डीजीपी आशीष भाटिया ने राज्य के सभी शहर, जिलों और विशेष एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वे किसी भी आरोप में आरोपी को गिरफ्तार करती हैं तो उन्हें २४ घंटे के भीतर कोर्ट में पेश करने के दौरान आरोपियों का रेपिड एंटीजन टेस्ट करवाएं। और कोर्ट में पेश करें। ताकि कोर्ट में आरोपियों को पेश करने में अनावश्यक देरी ना हो। रेपिड एंटीजन टेस्ट के परिणाम के आधार पर यदि चिकित्सक को जरूरी लगता है तो ही आरोपी का आरटीपीसीआर टेस्ट करवाएं। टेस्ट में यदि आरोपी या कैदी कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे अस्पताल में भर्ती कराएं। यदि वह हल्के लक्षण वाला एम्पिटोमेटिक है तो उसे क्वारंटाइन करें और उसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग एवं ऊपरी अधिकारियों को दें तथा प्रोटोकॉल के पालन के निर्देश दें।
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