scriptकोरोना ने बढ़ाई दिल के रोगियों की मुश्किल | Corona increased the difficulty of heart patients | Patrika News
अहमदाबाद

कोरोना ने बढ़ाई दिल के रोगियों की मुश्किल

 
लिपोप्रोटीन स्तर के कारण भी भारतीयों में हृदय रोग का बढ़ा खतरा

अहमदाबादSep 28, 2022 / 10:22 pm

Omprakash Sharma

कोरोना ने बढ़ाई दिल के रोगियों की मुश्किल

कोरोना ने बढ़ाई दिल के रोगियों की मुश्किल

अहमदाबाद. कोरोना ने हृदय रोग के स्पेक्ट्रम को बदल कर रख दिया है। मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल या उच्च रक्तचाप जैसे जोखिम नहीं होने के बावजूद कोरोना से ग्रस्त हुए मरीजों में दिल के दौरे के मामले बढ़ गए हैं। कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि होने के कुछ महीनों के बाद एंजियोप्लास्टी वाले व अन्य मरीजों में ब्लॉकेज बढ़ा पाया गया है। पहले जो ब्लॉकेज 10-20 फीसदी था वह बढकऱ कुछ ही दिनों में 90 फीसदी तक पहुंच गया। हृदय रोग के साथ-साथ कोरोना के शिकार हुए लोगों में यह देखा जा रहा है।
अहमदाबाद स्थित अपोलो सीवीएचएफ के निदेशक व हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. समीर दाणी ने बताया कि कोरोना के अलावा भारतीय लोगों में लिपोप्रोटीन स्तर के कारण भी मरीजों में हृदय संबंधित बीमारियां बढ़ी हैं। इससे धमनियों में अवरोध पैदा हो रहा है। अब तक यह माना जाता था कि वायु प्रदूषण मुख्य रूप से फेफड़े और श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए जिम्मेदार है लेकिन, यह हृदय रोग और कैंसर के लिए भी जिम्मेदार है।
हाईवे के पास रहने या वाहनों के धुएं के संपर्क में आने से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। उनके अनुसार आज समय आ गया है कि हृदय रोग से बचने के लिए पहले से ही उपाय किए जाने चाहिए। कॉलेस्ट्रॉल, मोटापा, रक्तचाप जैसे जोखिम कारकों को रोककर हृदय रोग के खतरों को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस रोग में जीवनशैली का बहुत महत्व होता है। खानपान पर ध्यान दिया जाए तो काफी हद तक रोग पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
उन्होंने तनाव से भी हृदय रोग होने का खतरा बताया। लंबे समय तक तनाव रहने से रक्तचाप में वृद्धि होती है और फिर धडकऩ भी अनियमित होती हैं।
विश्व हृदय पर जागरुकता फैलाने की सलाह
डॉ. दाणी ने कहा कि इस वर्ष “विश्व हृदय दिवस की थीम यूज हार्ट फॉर एवरी हार्ट है। इस थीम को ध्यान में रखकर हरेक व्यक्ति को जागरुकता फैलानी चाहिए। यह सभी लोगों का दायित्व है।
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