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अहमदाबाद

मोस्ट वांटेड तौकिर को नहीं पकड़ पाने का अहमदाबाद पुलिस को अफसोस!

२०११-12 में करीब पहुंच गई थी अहमदाबाद क्राइम ब्रांच

अहमदाबादJan 22, 2018 / 10:17 pm

Nagendra rathor

Taukir arrested
अहमदाबाद. अहमदाबाद में २६ जुलाई २००८ को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में तौकिर के नाम से वांटेड मास्टरमाइंड अब्दुल सुभान उर्फ कासिम कुरैशी (४६) को गिरफ्तार नहीं कर पाने का अहमदाबाद पुलिस को अफसोस है।
अहमदाबाद सहित देशभर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में सिमी-इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन का हाथ होने का पर्दाफाश करने वाली अहमदाबाद क्राइम ब्रांच वर्ष २०११-१२ में मोस्ट वांटेड तौकिर के काफी करीब पहुंच गई थी। वह भारत-नेपाल बोर्डर पर ट्रेस हुआ था, लेकिन वह पकड़ में आए उससे पहले ही निकल गया, क्योंकि इसी समय दिल्ली पुलिस की टीम ने कार्रवाई की और तौकिर को भनक लगने से वह चकमा दे गया था।
क्राइम ब्रांच में इसे ट्रेस करने वाले एक पुलिस निरीक्षक और फिलहाल गुजरात एटीएस में सेवारत एक अधिकारी ने उसके काफी करीब पहुंचने की बात की तो पुष्टि की है। हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया कि क्राइम ब्रांच की टीम के हाथों आते-आते वह बचा था।
अहमदाबाद बम धमाकों की जांच कर रहे क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी बताते हैं कि भारतीय पुलिस व सुरक्षा एजेंसी के लिए वर्ष २०१८ की यह सबसे बड़ी उपलब्धि है कि मोस्ट वांटेड तौकिर हाथ में आया है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच व गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते की टीमें वर्ष २००८ से ही इसे पकडऩे की कोशिश में जुटी थीं, लेकिन वह हाथ नहीं आया। वह दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के हाथ आया। खुद तौकिर को गिरफ्तार नहीं कर पाने का अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के इस अधिकारी ने अफसोस जताया। हालांकि इस बात की खुशी भी जताई कि इससे पूछताछ करने का मौका जरूर मिलेगा।
अहमदाबाद में हुए बम धमाकों में ५६ लोगों की मौत हो गई थी और २४० घायल हुए थे। 21 जगह बम धमाके हुए थे। २० मामले दर्ज हैं। अब तक ८२ आरोपी पकड़े जा चुके हैं। दो मारे गए हैं और १० फरार हैं। इससे पहले तौसिफ उर्फ अतीक अहमद पठान को पकड़ा गया है।
अहमदाबाद ही नहीं सूरत, जयपुर धमाकों का है मास्टर माइंड
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के जेसीपी जे.के.भट्ट बताते हैं कि ४६ वर्षीय अब्दुल सुभान उर्फ तौकिर मूलरूप से उ.प्र.के रामपुर जिले का रहने वाला है लेकिन वर्षों से इसका परिवार मुंबई स्थाई हुआ । वह अहमदाबाद बम धमाकों का ही नहीं बल्कि सूरत से हुई २८ बमों की बरामदगी और जयपुर में वर्ष २००८ में ही हुए बम धमाकों का भी मास्टर माइंड है। महाराष्ट्र मॉड्यूल का मुखिया और मुख्यत: सिमी का पदाधिकारी तौकिर अहमदाबाद में बम धमाके करने के लिए जगहों को चुनने, विस्फोटक सामग्री का इंतजाम करने, इस काम के लिए आरोपियों के चयन, उन्हें जिम्मेदारी सौंपने से लेकर धमाकों को अंजाम देने का मुख्य षडयंत्रकर्ता है।
वह गुजरात में सबसे पहले वर्ष २००३ में वडोदरा निवासी कयामुद्दीन कापडिय़ा के संपर्क में आया। इसने सिमी, महाराष्ट्र, आजमगढ़, भटकल, दिल्ली और जयपुर केडर को एकजुट करके अहमदाबाद, सूरत और जयपुर बम धमाकों को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई । बम धमाकों की रूपरेखा तैयार करने के साथ सभी प्रशिक्षण शिविरों में शामिल होने और प्रशिक्षण का मुख्य कोर्स तैयार करने की भी भूमिका है। कयामुद्दीन कापडिय़ा, यासिन भटकल सहित कई आरोपियों की पूछताछ में इसकी मास्टर माइंड होने के रूप में भूमिका सामने आई है। फरार रहने के दौरान यह दो से तीन बार पाकिस्तान भी जाकर आ चुका है। इसकी हिरासत पाने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम दिल्ली पुलिस के संपर्क में है।

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