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अहमदाबाद

‘परम्परा की तरह ही बदले हैं अपराध के तरीके ‘

Crime, FSL, national forensic, laboratory, education, minister, news : गुजरात फोरेसिंक साइंसेज यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह

अहमदाबादNov 26, 2020 / 10:16 pm

Pushpendra Rajput

'परम्परा की तरह ही बदले हैं अपराध के तरीके '

‘परम्परा की तरह ही बदले हैं अपराध के तरीके ‘

गांधीनगर. बदलते समय के साथ-साथ जैसे रीति-रिवाज और परम्पराएं बदले हैं वैसे ही अपराधों (crime) के तरीके भी बदले हैंं। फिजिकल (fisical) से लेकर वच्र्युअल (virtual crime) अपराधों के दौर में फोरेसिंक साइंस लेबोरेटरी (forensic laboratory) और फोरेसिंक यूनिवर्सिटी के बगैर कल्पना करना मुश्किल है। राज्य के शिक्षामंत्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा गुरुवार को गांधीनगर स्थित गुजरात फोरेसिंक साइंसेज यूनिवर्सिटी (नेशनल फोरेसिंक साइंस यूनिवर्सिटी) के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
चूड़ास्मा ने कहा कि इस यूनिवर्सिटी के 40 विद्यार्थी भी स्टूण्डन्ट स्टार्ट अप (start up) क्षेत्र में हैं। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि समस्या का सुविधा के सााथ समाधान अर्थात् स्टूडण्ट्स स्टार्टअप इनोवेशन है। अल्पसमय में जांच कैसे हो। ये भी एक शोध ही है।
उन्होंने विद्यार्थियों से अपने जीवन मेंं आठ मंत्रों को अपनाने पर जोर देते कहा कि विश्वसनीय बनें, जिम्मेदार बनेंष धार्मिक-मूल्यनिष्ठ बनें। हिम्मतवान बनें। देशभक्त बनें, ईमानदार बनें, विनयी बनें और अनुशासित बनें। इससे ही सफलता के उच्चतम शिखर प्राप्त कर सकेंगे। दुनियाभर में पहचान बना चुकी यह यूनिवर्सिटी फोरेसिंक साइंस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय अध्ययन और शोध का केन्द्र बन गई है। उन्होंने इस कार्य के लिए तत्कालीन जीएफएसयू के निदेशक और वर्तमान नेशनल फोरेसिंक साइंसेज यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. जे.एम. व्यास और उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने दीर्घदृष्टा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों को साकार किया। उनके प्रयासों से ही फोरेसिंक साइंसेंज यूनिवर्सिटी का नाम नेशनल हो गया।
डॉ. जे.एम. व्यास की अध्यक्षता में दीक्षांत समारोह हुआ, जिसमें यूनिवर्सिटी के 806 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई। वहीं छह विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्री से सम्मानित किया गया। कोविड-19 की महामारी में फोरेसिंक साइंसेज यूनिवर्सिटी में वच्र्युअल पांचवां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया।
डॉ. व्यास ने स्वागत भाषण में कहा कि हमारे विद्यार्थियों इस यूनिवर्सिटी के राजदूत है। फोरेसिंक साइंस का कार्य क्राइम सीन से लेकर कोर्ट रूम तक है। मौजूदा समय में यदि कोई भी व्यक्ति अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित होगा तो अपने विषय मे विशेषज्ञ और विश्वसनीय होगा। ऐसे में सभी को उसके पास जाना पड़ेगा। ऐसे ही गुजरात की फोरेसिंक साइंस लेबोरेटरी का है। इससे देश के महत्वपूर्ण मामलों के अब उत्तर प्रदेश के हाथरस चर्चित केस की जांच भी यहां हो रही है। अब तक यूनिविर्सटी ने 11000 से ज्यादा अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया है, जिसममें 2300 से ज्यादा पुलिस अधिकारी और 2600 से ज्यादा सतर्कता और सुरक्षा अधिकारी तथा 69 विभिन्न देशों के 2300 से ज्यादा विदेशी अधिकारी शामिल हैं।

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