राहुल गांधी, सुरजेवाला के विरुद्ध आपराधिक मानहानि का दावा
एडीसी बैंक के चेयरमैन ने मेट्रोपोलिटन कोर्ट में किया मुकद्दमा, नोटबंदी के दौरान बैंक विरुद्ध बयान देकर बदनामी करने का आरोप
राहुल गांधी, सुरजेवाला के विरुद्ध आपराधिक मानहानि का दावा
अहमदाबाद. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला के विरुद्ध अहमदाबाद मेट्रोपोलिटन कोर्ट में आपराधिक और मानहानि का दावा किया गया है। अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष अजय पटेल की ओर से मेट्रोपोलिटन कोर्ट में इन दोनों ही नेताओं के विरुद्ध अलग अलग आपराधिक मानहानिक का दावा किया गया है। इस मामले में किए गए दावे की याचिका को ग्राह्य रखते हुए मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने जांच का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई १७ सितंबर को प्रस्तावित रखी गई है।
एडीसी बैंक के अध्यक्ष अजय पटेल के वकील एस.वी.राजू ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला के विरुद्ध दो अलग अलग आपराधिक मानहानि के दावे मेट्रोपोलिटन कोर्ट में किए गए हैं। एडीसी बैंक के अध्यक्ष अजय पटेल की ओर से किए गए इन दोनों ही दावों में इन दोनों ही नेताओं पर आरोप है कि इन्होंने नोटबंदी के दौरान बैंक के विरुद्ध तथ्यहीन आरोप लगाए, जिससे बैंक को नुकसान पहुंचा है। नोटबंदी के पांच दिन बाद ही कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बयान दिया कि एडीसी बैंक की ओर से ७४५ करोड़ रुपए के नोट बदले गए हैं। यह आरोप तथ्यहीन है। इससे बैंक की बदनामी हुई है। इस संबंध में याचिकाकर्ता की ओर से मेट्रोपोलिटन कोर्ट में एक सीडी भी पेश की गई है। इसमें राहुल गांधी और रणदीप सिंह सुरजेवाला की ओर से बैंक के संबंध में दिए गए आरोप और उसके तथ्यहीन होने का दावा किया गया है।
कोर्ट ने सीआरपीसी सेक्शन २०२ के तहत जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही याचिकाकर्ता को सुनवाई के दौरान गवाहों और तथ्यों के साथ पेश होने को कहा है। आगामी सुनवाई १७ सितंबर रखी गई है।
ज्ञात हो कि आठ नवंबर २०१६ को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रात को देश को संबोधित करते हुए तत्कालीन समय में चल रहे ५०० और १००० रुपए के नोट को बंद करने की घोषणा की थी। उसके बाद इन नोटों को जमा कराने के लिए दिसंबर तक का समय दिया गया था। नोटबंदी की घोषणा के चलते बैंकों के बाहर लंबी कतारें लगीं। इस फैसले पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा था और अहमदाबाद की एडीसी बैंक पर भी आरोप लगाए थे।