मौजूद कर्मचारियों ने भानूभाई के शरीर पर लगी आग को बुझाया और तत्काल एंबुलेंस के माध्यम से नजदीकी अस्पताल ले गए। यहां स्थिति काबू में नहीं आने से उन्हें गांधीनगर स्थित एक निजी अस्पताल में रैफर कर दिया। वह उपचाराधीन हैं।
इस घटना पर दलित नेता व वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने रोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री
विजय रूपाणी से इस्तीफे और पाटण जिला कलक्टर , पाटण जिले के पुलिस अधीक्षक को निलंबित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रशासन की लापरवाही के चलते ऊंझा तहसील के एक संनिष्ठ आंबेडकरवादी भानूभाई वणकर ने जमीन के एक टुकड़े के लिए जिला कलक्टर कार्यालय में खुद के ऊपर केरोसीन डालकर आत्मदाह की कोशिश की। अभी उनकी जिंदगी खतरे में है।
उन्होंने कहा कि एक गरीब व्यक्ति इस व्यवस्था में किस हद तक घुटन महसूस कर रहा होगा कि उसको आत्मदाह जैसा कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा। यह घटना रूपाणी सरकार के लिए कलंक के समान है। समग्र गुजरात के दलितों को इस मुद्दे पर रोड पर उतर कर उनाकांड की तरह ही कड़ा विरोध प्रदर्शन करना चाहिए।
उन्होने कहा कि पाटण जिला कलक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को निलंबित करना चाहिए, क्योंकि उन लोगों को पहले से दलित परिवार और दलित सामाजिक कार्यकर्ता के आत्मदाह की कोशिश करने की पहले से जानकारी थी। उसके बावजूद भी वह इस घटना को रोकने में विफल रहे।
८ दिन पहले कलक्टर को पत्र लिखकर चेताया था ।
सूत्रों का कहना है कि करीब ८ दिन पहले ७ फरवरी को दुदखा गांव निवासी हेमाबेन वणकर ने जिला कलक्टर को पत्र के जरिए जानकारी देकर मांग की थी कि उन्हें उनके गांव में लंबे समय से जमीन आवंटित करने की अटकी पड़ी प्रक्रिया को पूरा करते हुए जमीन का कब्जा सौंपा जाए। ऐसा नहीं होने की स्थिति में वह पूरे परिवार के साथ और सामाजिक कार्यकर्ता के साथ १५ फरवरी को पाटण जिला कलक्टर कार्यालय में आकर आत्मदाह करेगे।
जैसा कि पत्र में लिखा था हेमाबेन वणकर, सामाजिक कार्यकर्ता भानूभाई और उनके परिजनों के साथ कलक्टर कार्यालय पहुंचीं। वहां पर उन्होंने ‘न्याय के लिए भी आत्मदाह’ बैनर के साथ प्रदर्शन किया। इसके बाद उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने केरोसीन डालकर कर खुद को आग लगाने की कोशिश की।
मौजूद पुलिसकर्मियों ने बैनर ले लिया और खुद पर केरोसीन डालकर आत्मदाह की कोशिश करने वाले युवक को हिरासत में ले लिया। इस बीच ही सामाजिक कार्यकर्ता भानूभाई ने खुद के ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डालकर खुद को आग के हवाले कर दिया।
कार्यकर्ता से मिलने पहुंचे भाजपा विधायक का विरोधघटना की सूचना मिलने पर दलित कार्यकर्ता भानूभाई से मिलने के लिए गांधीनगर के निजी अस्पताल पहुंचे भाजपा के दलित विधायक हितू कनोडिया व उनके पिता नरेश कनोडिया का कांग्रेस के कार्यकर्ता व भीम
शक्ति सेना के मनीष मकवाणा व उनके साथियों ने विरोध किया।
मकवाणा ने इस घटना को भानूभाई को आत्मदाह की कोशिश के लिए मजबूर करने के चलते जवाबदेह अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। दलित सामाजिक कार्यकर्ता किरीट राठौड़ ने बताया कि पाटण जिले में ही तलाटी के रूप में सेवाएं दे चुके और सेवानिवृत्ति के बाद इलाके के लोगों को उनके हक की जमीन दिलाने के लिए सेवारत भानूभाई वणकर को ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर करने के जवाबदेह कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए। यह घटना कलंक के समान है।
आज पाटण बंद का ऐलान
इस घटना के चलते दलित समाज में रोष है। इसे देखते हुए दलित समाज व दलित सामाजिक संगठनों ने शुक्रवार को पाटण बंद का ऐलान किया है।