गिर अभ्यारण्य को अहम वन्य जीव स्थल घोषित करने की गुहार
– केन्द्र व राज्य सरकार पेश करे हलफनामा
गिर अभ्यारण्य को अहम वन्य जीव स्थल घोषित करने की गुहार
अहमदाबाद. राज्य के गिर अभ्यारण्य को महत्वपूर्ण वन्य जीव स्थल (क्रिटिकल वाइल्डलाइफ हैबिटेट) स्थल घोषित करने की मांग के साथ गुजरात उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है। न्यायालय ने इस याचिका पर केन्द्र सरकार और राज्य सरकार को 13 जून तक हलफनामा पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 21 जून को रखी गई है। इस याचिका पर न्यायालय ने गत अप्रेल महीने में केन्द्र, राज्य सरकार तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) तथा जूनागढ़ सर्कल के मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) को भी नोटिस जारी किया था।
वीरेंद्र पध्या की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि गिर राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण्य के अलावा इससे जुड़े पानिया और मितियाला अभ्यारण्य को महत्वपूर्ण वन्यजीव स्थल घोषित किए जाने का प्रस्ताव वर्ष 2014 में दिया गया था। इसके बावजूद सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
याचिका में दलील दी गई के वन्य प्राणियों के संरक्षण और देखरेख के लिए गिर तथा इसके आसपास के अभ्यारण्यों को अहम वन्यजीव स्थल घोषित करना अत्यंत जरूरी है। इस क्षेत्र के निर्माण का उद्देश्य वन्य जीवों के लिए ऐसा संरक्षित विस्तार निर्मित करना है, जिसमें मनुष्यों का हस्तक्षेप नहीं हो। इस संदर्भ में वन और पर्यावरण मंत्रालय की ओर से स्पष्ट दिशा-निर्देश बनाए गए हैं और इसके तहत तय समय सीमा के भीतर अहम वन्यजीव स्थल की प्रक्रिया करने की बात की गई है जो प्रक्रिया आज तक पूरी नहीं की गई। इसलिए वन्यजीवों की संरक्षा, सुरक्षा का ध्यान रखते हुए गिर अभयारण्य को अहम वन्यजीव स्थल घोषित किए जाने की कार्रवाई पूरी करने की गुहार लगाई गई है।