लाल किले पर फिदायीन हमले के आरोपी कावा को गुजरात एटीएस ने पकड़ा
दिल्ली में कार्रवाई, २००० में लाल किला पर हुआ था हमला
अहमदाबाद. दिल्ली स्थित लाल किले पर वर्ष २००० में हुए फिदायीन हमले में लिप्त एक आरोपी बिलाल अहमद कावा को गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने पकड़ा है। इसे सूचना के आधार पर दिल्ली में कार्रवाई करते हुए दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ा गया।
लाल किले पर हुए फियादीन हमले के लिए जरूरी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का बिलाल कावा पर आरोप है। जांच में सामने आया कि लाल किले के फिदायीन हमले के मुख्य आरोपी व षडयंत्रकर्ता मोहम्मद आरिफ उर्फ अश्फाक को हवाला के माध्यम से विभिन्न बैंक एकाउंट के जरिए बिबाल अहमद कावा के नाम के एकाउंट के जरिए २९ लाख ५० हजार रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई थी। यह राशि मो.आरिफ के खाते में जमा हुई थी। इस राशि का उपयोग लाल किले पर हुए फियादीन हमले में किया गया होने की बात सामने आई थी। आरोपी बिलाल आतंकी संगठन लश्कर ए-तैयबा से जुड़ा है। हमले के बाद से ही अब तक वांछित था और कश्मीर में छिपा था। इसे दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ा गया। यह श्रीनगर से दिल्ली पहुंचा था। इसके बारे में गुजरात एटीएस को सूचना मिलने पर एटीएस की टीम ने दिल्ली के स्पेशल सेल की मदद से आरोपी को दिल्ली एयरपोर्ट से धर दबोचा।
22 दिसंबर २००० की रात नौ बजे छह हथियारधारी आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग करते हुए लालकिले की सुरक्षा में तैनात दो सुरक्षा जवानों की हत्या कर दी थी। इस फायरिंग में एक निजी सुरभा गार्ड की भी मौत हुई थी। आतंकी अंधेरे का लाभ उठाते हुए भागने में भी सफल हो गए थे।
इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुख्य षडयंत्रकर्ता मोहम्मद आरिफ उर्फ अश्फाक को पकड़ा। इसे सुप्रीमकोर्ट की ओर से भी मृत्यु दंड की सजा सुनाई गई है। फिलहाल इसकी अपील लंबित है। इस मामले में कुल 11 आरोपियों को दोषी ठहराया गया है। लालकिला वह ऐतिहासिक और अहम स्थल है, जहां पर स्वतंत्रता दिवस के दिन 15 अगस्त को हर साल प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं।
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