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अहमदाबाद

नेता प्रतिपक्ष का निर्णय किसी के दबाव में नहीं : गहलोत

एक-दो दिन में हो सकती है घोषणा

अहमदाबादJan 04, 2018 / 09:03 pm

Pushpendra Rajput

Gujarat congress
अहमदाबाद. एलिसब्रिज स्थित गुजरात कांग्रेस कार्यालय में बुधवार से दो दिनों तक विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें कांग्रेसी विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष, उप नेता और सचेतक को लेकर अपनी राय दी। निरीक्षक के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे कांग्रेस गुजरात प्रभारी अशोक गहलोत और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्रसिंह ने सभी विधायकों की राय जानी। अब वे रिपोर्ट तैयार कर उसे दिल्ली आलाकमान को सौंपेंगे। संभवत: एक-दो दिन में नेता प्रतिपक्ष, उप नेता और सचेतक के नामों पर दिल्ली आलाकमान मुहर लगाएगा। बैठक के बाद गुजरात प्रभारी अशोक गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की इच्छा से विधायकों की राय ली गई। परेश धानाणी को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने को लेकर हार्दिक पटेल के बयान पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक ही नेता प्रतिपक्ष का नाम तय करेंगे, किसी अन्य के दबाव में निर्णय नहीं किया जाएगा। आलाकमान ही नाम पर मुहर लगाएंगे। गौरतलब है कि हार्दिक पटेल ने कांग्रेस के पाटीदार नेता परेश धनाणी के नाम की सिफारिश की है।
उधर, गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी ने कहा कि बैठक में नेता प्रतिपक्ष और अन्य पदाधिकारियों पर मंथन करने के अलावा लोकसभा और निकाय चुनाव की तैयारियों को लेकर भी मंथन किया गया। निरीक्षक अशोक गहलोत और जितेन्द्रसिंह बैठक में होने वाली चर्चा की रिपोर्ट सौंपेंगे। एक-दो दिन में नेता प्रतिपक्ष पर निर्णय ले लिया जाएगा। हार्दिक पटेल की ओर से नेता प्रतिपक्ष धानाणी को बनाए जाने पर सोलंकी ने कहा कि यह हार्दिक का व्यक्तिगत निर्णय हो सकता है।
उधर, कोली समाज में दिग्गज नेता कुंवरजी बावलिया को नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग बुलंद की है। कांग्रेस ऐसा नेता प्रतिपक्ष चाहती है जो विधानसभा में भाजपा सरकार को करार जवाब दे सके। फिलहाल आदिवासी, पाटीदार और कोली पटेल समुदायों ने अपने-अपने समाज के नेताओं को नेता प्रतिपक्ष बनाने को लेकर जद्दोजहद शुरू कर दी है। अमरेली से विधायक परेश धानाणी या फिर शैलेष परमार को नेता प्रतिपक्ष बनाने को लेकर ज्यादा संभावना है। यदि परेश धानाणी की बात की जाए तो वे अमरेली से तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं तो विधानसभा में जनता की आवाज को बेहतर तरीके से उठाते रहे हैं तो शैलेष परमार पिछली विधानसभा में कांग्रेस से सचेतक रह चुके हैं और सदन की कार्रवाई को भी बेहतर तरीके से समझते हैं।

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