ग्लोबल ट्रेड शो में समर्पित मालभाड़ा गलियारा का स्टॉल
ग्लोबल ट्रेड शो में समर्पित मालभाड़ा गलियारा का स्टॉल
अहमदाबाद. गांधीनगर में आयोजित वाइब्रेन्ट गुजरात ग्लोबल समिट में पश्चिम समर्पित मालभाड़ा गलियारा (डीएफसी) ने स्टॉल लगाया है, जिसमें आगंतुक इस गलियारे की जानकारी हासिल कर रहे हैं। यह मालभाड़ा गलियारा बनने के बाद माल ढुलाई की क्षमता बढ़ेगी। इसके लिए अलग-अलग ही कोरिडोर होगा। ट्रेड शो में आनेआगंतुकों को डीएफसीसीआईएल के उप मुख्य परियोजना प्रबंधक जितेन्द्र अग्रवाल जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने आगंतुकों को इस प्रोजेक्ट की महत्ता बताई।
उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट भी रेलवे का ही है, लेकिन इस प्रोजेक्ट के बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है। लोगों में इस प्रोजेक्ट की जानकारी मुहैया कराने के लिए स्टॉल लगाया गया है।
वर्ष 2022 तक इस कोरिडोर पर दौड़ेंगी गुड्ज ट्रेनें
अगले वर्ष दिसम्बर तक मारवाड जंक्शन से पालनपुर तक पश्चिमी कोरिडोर पर गुड्ज ट्रेन दौड़ाए जाने की संभावना है। पश्चिमी कोरिडोर पर दिल्ली से मुंबई तक वर्ष 2022 तक गुड्ज ट्रेन दौड़ाई जा सकती है। राजस्थान के मारवाड जंक्शन तक कोरिडोर पर काफी हद तक कार्य हो चुका है। मदारनगर से किशनगढ़ के बीच फ्रेट ट्रेन का ट्रायल भी हो चुका है। संभवत: इस वर्ष से मारवाड जंक्शन से पालनपुर तक इस कोरिडोर पर ट्रेन दौड़ेगी। इसके जरिए गांधीधाम, कंडला, मुन्द्रा जैसे दिल्ली, जयपुर, कनकपुर, गुवाहाटी पंजाब के लिए माल ढुलाई आसानी से हो सकेगा।
इस कोरिडोर पर गुड्ज ट्रेन और इंजन रेलवे का होगा। यहां तक कि इंजन को चलाने वाले लोको पायलट और गार्ड भी रेलवे के ही होंगे। डीएफसी के कर्मचारी सिर्फ स्टेशन पर तैनात होंगे। इसके लिए कर्मचारियों और इंजीनियरों की भर्ती प्रक्रिया भी चल रही है। गुड्स ट्रेनें बिजली से चलेंगी। मतलब मार्ग पर कोई प्रदूषण नहीं होगा। एक मालगाड़ी 1400 ट्रकों के बराबर सामान आएगा। एक गाड़ी चलने से उतने ट्रकों के धुएं से निजात मिलेगा।
ऐसे अलग होगा कोरिडोर
मौजूदा समय में रेलवे में 52 से 58 रैक की गुड्ज ट्रेनें दौड़ती है, लेकिन डीएफसी में रेलवे से दोगुनी लंबी गुड्ज टे्रनें चलेंगी। उसमें 100 भी ज्यादा रैक होंगे। अभी जहां गुड्ज ट्रेन करीब पांच हजार टन माल ढोया जा ता है। जबकि डीएफसी में 13 हजार ट्रेन तक माल डाया ा सकेगा। इसके डिब्बे हैवी व्हील वाले होंगे। मतलब 1400 ट्रकों का सामान एक मालगाड़ी में आएगी। मौजूदा समय में रेलगाडिय़ों की औसतन रफ्तार 26 किलोमीटर है, जबकि डीएफसी पर गुड्ज ट्रेनें 100 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेंगी। गुड्ज ट्रेनों की औसत गति 75 हजार प्रति घंटे होगी। रेलवे में हर पांच से सात किलोमीटर कके बीच एक स्टेशन है लेकिन डीएफसी में 40 किलोमीटर पर एक स्टेन है। रेलवे में 700 मीटर लम्बी मालगाडी है जबकि डीएफसी में डेढञ किलोमीटर लम्बी गुड्ज ट्रेन है।
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