तोमर ने कहा कि खेती के साथ-साथ पशुपालन, मधुमक्खी पालन और बागायती खेती पर किसानों को ध्यान केंद्रित करना चाहिए। केंद्र सरकार ने किसान उत्कर्ष के लिए कई योजनाएं बनाई हैं जिसका किसानों को लाभ उठाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने किसानों को सम्मान देने और सहायक होने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लागू की है। इस योजना में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए 6,000 रुपए वार्षिक की सहायता सीधे किसान के खाते में जमा कर दी गई है। इसके अलावा, उम्रदराज किसानों की सहायता के लिए प्रधानमंत्री मान धन योजना लागू की है जिसमें 18 से 40 वर्ष की उम्र वाले किसानों द्वारा मासिक 55 से 200 रुपए का प्रीमियम भरने पर भविष्य में उन्हें प्रति माह 3,000 रुपए की पेंशन दी जाएगी।
इस अवसर पर राज्य के ग्राम विकास मंत्री जयद्रथसिंह परमार, पशुपालन राज्य मंत्री बचुभाई खाबड़ और सहकारिता राज्य मंत्री ईश्वरसिंह पटेल, अमूल डेयरी के चेयरमैन रामसिंह परमार, डॉ. भरत पटेल, कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पूनमचंद परमार, पशुपालन विभाग के सचिव मनीष भारद्वाज, गुजरात एग्रो के प्रबंध निदेशक के.एस. रंधावा, नाबार्ड के चेयरमैन डॉ. हर्ष कुमार, रिड्रेसल कम्यूनिकेशन के प्रमुख सन्याल देसाई, विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, कृषि वैज्ञानिक तथा बड़ी संख्या में गुजरात और राजस्थान के किसान उपस्थित थे।