scriptDRI : विदेशी सिगरेट की तस्करी का पर्दाफाश | DRI busted smuggling of foreign cigarrates | Patrika News
अहमदाबाद

DRI : विदेशी सिगरेट की तस्करी का पर्दाफाश

डीआरआई ने जब्त किया 1.5 करोड़ का माल

अहमदाबादFeb 12, 2018 / 11:50 pm

Pushpendra Rajput

DRI
अहमदाबाद. राजस्व आसूचना निदेशालय-जोनल यूनिट अहमदाबाद ने तस्करी करनेवालों पर शिकंजा कसा है। डीआरआई अधिकारियों ने कार टायरों तस्करी के बाद अब मुन्द्रा बंदरगाह से विदेशी सिगरेट की तस्करी का पर्दाफाश किया। डीआरआई ने 1.5 करोड़ रुपए की विदेशी सिगेरट जब्त की।
डीआरआई अधिकारियों को जानकारी मिली थी कि अहमदाबाद की मेसर्स चैम्पियन इम्पेक्स प्रा. लिमिटेड नाम की कंपनी के संचालक विदेश से जिप्सम पाउडर मंगाते है, जो उसके जखीरे में विदेशी सिगरेट छिपाकर उसकी तस्करी रहे हैं। बाद में डीआरआई- गांधीधाम यूनिट के अधिकारियों ने निगरानी की और 10 फरवरी को मुन्द्रा बंदरगाह पर 20 फीट के दो कन्टेनरों में जिप्सम पाउडर की 1950 बोरियों की जांच की। जांच के दौरान उन कन्टेनरों में जिप्सम पाउडर के पीछे छिपाए 50-५० बॉक्स मिले। उन बॉक्स में से 14 लाख 40 हजार विदेशी सिगरेट थी, जिसका भारतीय बाजार मूल्य 1.44 करोड़ रुपए है। डीआरआई अधिकारियों ने सिगरेट तस्करी का मामला दायर कर लिया है।
कस्टम ड्यूटी चोरी का भंडाफोड़

राजस्व सूचना निदेशालय (डीआरआई)- जोनल यूनिट अहमदाबाद ने न्हावाशेवा पोर्ट से कस्टम ड्यूटी चोरी का भंडाफोड़ किया। फिलहाल डीआरआई ने 1.92 करोड़ रुपए का एरोमैटिक केमिकल एवं ऑयल जब्त किया है। डीआरआई अधिकारियों को जानकारी मिली थी कि मुंबई की मेसर्स एसोसिएट एलाइड केमिकल्स (इंडिया) प्रा. लिमिटेड न्हावाशेवा पोर्ट पर मंगाए जाने वाले एरोमैटिक केमिकल्स एवं एसेंसियल ऑयल में कस्टम ड्यूटी चोरी कर रही है। बाद में डीआरआई अधिकारियों ने मुंबई में मेसर्स एसोसिएट एलाइड केमिकल्स (इंडिया) प्रा. लिमिटेड के कार्यालय परिसर में सर्च किया और कई अहम दस्तावेजों की जांच की। जांच के दौरान मालूम हुआ कि विदेशी सप्लायर ने वस्तुओं का जो मूल्य दर्शाया था उसमें छेड़छाड़ की गई थी। इस इम्पोर्टर से करीब पांच करोड़ रुपए कस्टम ड्यूटी चोरी उजागर हुई है। फिलहाल न्हावाशेवा पोर्टर से डीआरआई-अहमदाबाद की टीम ने कस्टम अधिनियम -1962 के तहत 1.92 करोड़ रुपए का एरोमैटिक केमिकल्स एवं एसेसेंस ऑयल जब्त किया है। जहां यह इम्पोर्टर अलग-अलग बिलों में कस्टम को वस्तुओं का मूल्य डॉलर में बता था, जबकि विदेशी सप्लायर उसे बिलों में यूरो में बताते थे। यूरो की तुलना में यूएस डॉलर का मूल्य कम होता है।

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