इतिहास में पहली बार द्वारकाधीश मंदिर शिखर पर लहराई दो ध्वजा
द्वारकाधीश मंदिर : चक्रवात के चलते नहीं उतारी ध्वजा
इतिहास में पहली बार द्वारकाधीश मंदिर शिखर पर लहराई दो ध्वजा
जामनगर. संभवित ‘वायु’ चक्रवात के चलते पहली बार भगवान द्वारकाधीश मंदिर पर गुरुवार को दो ध्वजाएं दिखाई दी। शायद यह इतिहास में पहली बार हुआ है, जब शिखर पर दो ध्वजाएं फहराई गई।
जानकारी के अनुसार देवभूमि द्वारका जिले के द्वारका स्थित द्वारकाधीश मंदिर के प्रति भक्तों की अटूट श्रद्धा है। मंदिर के १५० फीट ऊंचे शिखर पर रोजाना ५२ गज की ५ ध्वजाएं चढ़ाई जाती हैं। मंदिर पर ध्वजा चढ़ाने का काम अबोटी ब्राह्मणों की ओर से किया जाता है।
पिछले दो दिनों से चक्रवात के चलते द्वारका में तेज हवा चल रही है, जिसके चलते सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन की ओर से मंदिर के शिखर पर जाने की मनाई की गई। इसके कारण शिखर पर बुधवार शाम को चढ़ाई गई ध्वजा नहीं उतारी गई और गुरुवार को जो ध्वजा चढ़ाई गई वह शिखर के ऊपर लाडवा डेरा पर ध्वजदंड के नीचे दूसरी ध्वजा चढ़ाई गई थी, जिसके कारण शिखर पर दो ध्वजाएं लहराती दिखाई दी।
द्वारका के इतिहास में शायद यह पहली बार हुआ है, जब शिखर पर दो ध्वजाएं लहरा रही हैं।
आमतौर में मंदिर शिखर पर रोजाना पांच ध्वजाएं चढ़ाई जाती हैं। एक को उतारने के बाद दूसरी ध्वजा चढ़ाई जाती है, लेकिन अभी चक्रवात के कारण प्रशासन की ओर से शिखर पर जाने की मनाई करने के कारण बुधवार शाम को चढ़ाई गई ध्वजा नहीं उतारी गई और दूसरी ध्वजा थोड़ी नीचे चढ़ाई गई है। इस प्रकार दो ध्वजाएं लहरा रही हैं।
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