छह महीने में होगा मरम्मत कार्य पूर्ण :
द्वारका के पुरातत्व विभाग के एएसआई के अनुसार वडोदरा कार्यालय से संलग्न करके मंदिर के शिखर को समुद्र के पानी से हो रहे नुकसान को रोकने के लिए ६०० कारीगर मरम्मत करेंगे। यह कार्य करीब छह महीने में पूर्ण होगा। जन्माष्टमी के बाद दर्शनार्थी एवं पुजारी परिवार की व्यवस्था करने के साथ मंदिर का नीचे से लेकर ध्वजदंड तक मरम्मत की जाएगी।
पुरातत्व विभाग के अनुसार यह मंदिर १२०० वर्ष पुराना है। सात मंजिला यह मंदिर समुद्र तट से ४५ फीट ऊंचाई पर है, जहां पहुंचने के लिए छप्पन सीढिय़ां चढऩी पड़ती हैं। मंदिर के मैदान से लेकर स्वर्ण कलश तक की ऊंचाई १२६ फीट है। यह मंदिर विमानगृह, भद्रपीठ, लाडवा मंडप एवं अर्ध मंडप सहित चार विभागों में बंटा है। एक ही शिला पर नक्काशी कर बनाए गए ७२ स्तंभों पर मंदिर की इमारत टिकी हुई है। मंदिर का ध्वज स्तंभ २५ फीट का है। उसपर २० फीट के ध्वजदंड में ५२ गज की सूर्य-चंद्र के निशानवाली पचरंगी ध्वजा लहराती है।