इस मंदिर के चारो तरफ समुद्र का पानी है। भक्तों के दर्शन के लिए आने-जाने वालों के लिए यहां पुल बनाया गया है। महाशिवरात्रि के दिन करीब एक किलो मीटर के क्षेत्र में पानी हट जाता है। इसी स्थान पर मेला लगता है। इस चमत्कारिक घटना के पीछे भौगोलिक या खगोलीय कोई घटना मानी जाती है। लेकिन भक्त इसे भगवान शिव की महिमा मानते हैं। महा शिवरात्रि के दिन यह स्थान खाली होने से ही मेला लग पाता है। यहां खाने-पीने का स्टॉल, लारी तथा ठंडे पीने के पानी और अल्पाहार के लिए टेंट लगता है। इस दिन यहां का दृश्य नयन रम्य हो जाता है।भगवान शिव के दर्शन के लिए यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। कुछ लोग इसे प्रकृति का चमत्कार मानते हैं।