खुद को जज बताते हुए कोर्ट में पेश किए दस्तावेज, जानें फिर क्या हुआ?
कोर्ट के निर्देश पर नवरंगपुरा पुलिस ने किया गिरफ्तार, परिजन बोले मानसिक रोग से पीडि़त है बुजुर्ग, चल रहा है उपचार
खुद को जज बताते हुए कोर्ट में पेश किए दस्तावेज, जानें फिर क्या हुआ?
अहमदाबाद. शहर सत्र अदालत में खुद को जज बताते हुए राष्ट्रीय चिन्ह वाला गोल रब्बर स्टैंप का उपयोग करते हुए दस्तावेज पेश करने का मामला सामने आया है। प्राथमिक जांच में इस नाम का कोई जज नहीं होने की बात सामने आने पर जज के निर्देश पर नवरंगपुरा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ७२ साल के बुजुर्ग व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
नवरंगपुरा थाने के पुलिस निरीक्षक ए.एम.परमार ने बताया कि घाटलोडिया में रहने वाले ७२ वर्षीय बुजुर्ग ने शहर सत्र अदालत के न्यायाधीश एस.डी.दवे की अदालत में खुद को जज बताते हुए जज के रूप में खुद के हस्ताक्षर वाले और उन पर राष्ट्रीय चिन्ह वाली गोल रब्बर स्टैंप का उपयोग करके दस्तावेज पेश किए थे।
जज न होने के बावजूद भी खुद को जज बताते हुए दस्तावेज पेश करने की बाद जज के ध्यान में आने पर उन्होंने इस मामले में अतिरिक्त चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस.के.गढ़वी को उचित कार्रवाई करे के लिए कहा था। जिस पर जज एस.के.गढ़वी के निर्देश पर नवरंगपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मामले में आरोपी ७२ वर्षीय बुजुर्ग को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है। बुजुर्ग के पास से उपयोग में ली गई रब्बर स्टैंप व अन्य कागजात व वस्तुओं को जब्त करने की प्रक्रिया जारी है।
बुजुर्ग के अहमदाबाद में ध्रुव क्रेडिट सोसायटी में वसूली का काम करते होने की बात सामने आई है। इसी सोसायटी के वसूली मामले में उन्होंने खुद को जज बताते हुए अदालत में दस्तावेज पेश किए थे।
आरोपी के परिजनों का कहना है कि बुजुर्ग करीब दस से 12 साल से मानसिक रोग से पीडि़त हैं। उनकी दवाई भी चल रही है। उन्हें हाई डोज की दवाई सुबह और शाम दिन में दो बार लेनी पड़ती है। सोसायटी के पैसे अटके होने के चलते और लंबे समय से वह इस सोसायटी से जुड़े होने के चलते इस प्रकार का व्यवहार कर रहे हैं।
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