बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि आम वर्षों में आंतरिक मूल्यांकन के २० अंक, तथा प्रथम एवं द्वितीय परीक्षा के अंकों को वार्षिक परीक्षा के परिणाम में ध्यानार्थ लिया जाता था। लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते स्कूलें खुली ही नहीं हैं, जिससे इस वर्ष २०२०-२१ के लिए वार्षिक परिणाम में केवल प्रथम परीक्षा के परिणाम को ही ध्यान में लिया जाए।
राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के काबू में आते देख 11 जनवरी से 10वीं, 12वीं और एक फरवरी से 9वीं और 11वीं की कक्षाएं स्कूलों में शुरू कर दी हैं।
जीएसईबी ने 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा की प्रथम परीक्षा को 19 मार्च से लेने की घोषणा की है। सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। इसके लिए भी पेपर बोर्ड की ओर से घोषित कोर्स, प्रारूप को ध्यान में रखकर स्कूलों को ही तैयार करने होंगे। प्रथम परीक्षा में इस बात का स्कूलों को ध्यान में रखना होगा कि स्कूल की ओर से कितना कोर्स पढ़ाया गया है। उसके आधार पर ही बोर्ड के प्रारूप को मद्देनजर रखते हुए पेपर तैयार कर 19 मार्च से २७ मार्च तक परीक्षाएं लेनी होंगीं।