राज्य सरकार ने न्यायालय को बताया कि इस मामले में राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है। साथ ही चिट फंड केस को लेकर पीडि़तों को इस संबंध में आगे आने के लिए अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित किया जाएगा। पीडि़तों का बयान लिया जाएगा। न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को रखी है।
चौकसी ने उच्च न्यायालय में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की गुहार लगाई है। याचिका में कहा गया है कि वह इस मामले में शिकायतकर्ता मीता मांकड के साथ समाधान पर पहुंच चुके हैं। मांकड ने अपनी शिकायत में बताया है कि चौकसी व पांच अन्य ने गीतांजलि जेम्स के फ्रेंजाइज के तहत चिट फंड स्कीम बनाकर उनसे धोखाधड़ी की। चौकसी पर आरोप है कि चिटफंड के मार्फत राज्य के 542 लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई है।
इसी मामले में एक अन्य आरोपी दिग्विजयसिंह जाडेजा ने भी इसी मामले में अपील याचिका दायर की है जिसमें उन्हें इस मामले में प्रतिवादी बनाए जाने और इस मामले की जांच पुलिस कौ सौपे जाने की बात कही है। जाडेजा भी राज्य में गीताजंलि जेम्स नामक फ्रेंजाइजी चलाता था। शिकायतकर्ता मांकड व जाडेजा की ओर से दलील दी गई कि इस मामले में किसी को भी लाभ नहीं मिला।
मांकड ने हालांकि यह भी कहा कि वह चौकसी के साथ समाधान तक पहुंच चुकी है, इसलिए यह मामला वापस ले लिया जाए, उधर जाडेजा ने यह कहा कि स्कीम गीतांजलि जेम्स फ्रेंचाइजी आउटलेट्स के मार्फत लांच की गई थी। इन स्टोरों का वित्तीय प्रबंधन पैरेन्ट कंपनी की ओर से किया गया जिसमें उसकी कोई भूमिका नहीं है। जाडेजा की ओर से दलील दी गई कि वे चाहते हैं कि इस प्रकरण में चौकसी व उसकी कंपनी के खिलाफ उचित जांच हो।