ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट के बारेमें उन्होंने बताया कि जब ट्रेन 5 से 8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरती है तो पटरी के दोनो और लगा यह प्लांट 15 से 20 मिनट में उसे साफ कर देता है। जब ट्रेन इस एरियामें पहुंचती है तो फोटो इलेक्ट्रिक सेसंर्स से प्लांट खुद ही चालू हो जाता है। कोचों की विभिन्न चरणों में सफाई होती है जैसे पहले उसे गीला करना फिर डिटर्जेंट स्प्रे करना, ब्रश रगडना तथा आखिर में उसे सुखाना ये सभी कार्य ऑटोमेटिक होते हैं, जिससे मेनपावर की बचत होगी तथा ट्रेनों की स्वच्छता में गुणवत्तापूर्वक सुधार होगा।
इस अवसर पर पश्चिम रेलवे के प्रधान मुख्य यांत्रिक इंजीनियर अशेष अग्रवाल, अपर मण्डल रेल प्रबंधक परिमल शिंदे, वरिष्ठ मण्डल यांत्रिक इंजीनियर पदम सिंह जाधव तथा एरिया मेनेजर गांधीधाम आदिश पठानिया सहित वरिष्ठ रेल अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।