साथ ही बैटरी चालित वाहनों की चार्जिंग की बुनियादी सुविधाअंो के लिए पचास लाख की योजना भी राज्य में लागू की गई है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी गुरुवार को गांधीनगर से विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे।
उन्हंोने कहा कि ग्रीन एनर्जी क्लीन एनर्जी के साथ गुजरात निरंतर आगे बढ़ रहा है। जहां विश्व क्लायमेन्ट चेंज के प्रभाव का सामना कर रहा है। वहीं तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भविष्य में होनेवाले चुनौतियों से निपटने के लिए देश में पहली बार क्लायमेन्ट चेंज विभाग का गठन किया था।
रुपाणी ने कहा कि देश में सोलर सिस्टम में गुजरात अव्वल है। गुजरात बारहों माह ज्यादा से ज्यादा सौरऊर्जा का उत्पादन करता है। सूर्यप्रकाश से बिजली उत्पन्न कर आमजन को सस्ती बिजली मुहैया कराने का लक्ष्य है। साथ ही मकानों की छतंो पर बिजली उत्पन्न कर बिजली बेचकर आवक प्राप्त की जा सकती है। इसके लिे सोलर रूफटोप योजना में गुजरात ने अलग पहचान बनाई है। गुजरात मकानंो पर सोलर सिस्टम लगाने वाले देश में प्रथम स्थान पर है। पिछले तीन वर्ष में सरकार की सब्सिडी सहायता से एक लाख 38 हजार से से ज्यादा घरंंो में 510 मेगावॉटर की सोलर सिस्टम लगाए गए। इस वर्ष भी 912 करोड़ रुपए का प्रावधान से दो लाख आवासंो पर सोलर सिस्टम लगाने की योजना है। गुजरात परंपरागत ऊर्जा स्रोत में भी अव्वल है। राज्य में बिजली की कुल क्षमता 35,500 मेगावॉट है। गुजरात की कुल स्थापित क्षमता में परंपरागत ऊर्जा स्रोत में योगदान 30 फीसदी है, जो देश की औसत ऊर्जा स्रोत में 23 फीसदी से भी ज्यादा है।
इस मौके पर क्लायमेन्ट चेंज विभाग ने मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की मौजूदगी में दस संस्थाअंो ने वच्र्युअल एमओयू भी किए। विभाग के प्रधान सचिव एस.जे. हैदर की उपस्थिति में भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस एप्लीकेशन एंड जियो इन्फर्मेटिक्स के साथ स्पेस टेक्नॉलजी एंड जियो इन्फर्मेटिक्स के उपयोग से क्लायमेन्ट चेंज के प्रभाव को घटाया जा सकेगा।