मुख्यमंत्री ने कहा कि अतीत में मोरबी सहित सौराष्ट्र में नागरिकों को पानी के लिए बोर करवाना पड़ता था और हैंडपंप से पानी लाना पड़ता था। हालात इतने विकट थे कि एक घड़े पानी के लिए गांव की महिलाओं को दूर-दूर तक जाना पड़ता था।
उन्होंने कहा कि हमने उन हालातों को, पानी के अकाल को भूतकाल बनाकर सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई योजना (सौनी योजना) के जरिए 115 बांधों को नर्मदा के पानी से भरकर सौराष्ट्र में पानी पहुंचाया है।Ó
रूपाणी ने कहा कि ‘जहां नागरिक, वहां सुविधाÓ के मंत्र के साथ गटर, पानी, लाइट और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं को हरेक गांव और नगरों को उपलब्ध कराया है।
पांच जिलों में दो अक्टूबर तक मिलेगा ‘नल से जलÓ
उन्होंने कहा कि गुजरात में इस लक्ष्यांक को वर्ष 2022 तक पूरा कर सभी गांवों के तमाम घरों को नल से जल पहुंचाना है। आगामी 2 अक्टूबर को राज्य के पांच जिले ‘नल से जलÓ का सौ फीसदी लक्ष्यांक पूरा करेंगे और उसके बाद पूरे राज्य में इस लक्ष्य को पूरा करने का इरादा है।
रूपाणी ने कहा कि मोरबी शहर और जिले में पानी की तंगी न हो और लोगों को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो उसके लिए कुल मिलाकर 151 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि यह योजना मोरबी के पुराने वैभव को पुनसर््थापित करेगी और सिरामिक उद्योग से विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला मोरबी और भी समृद्ध बनेगा। जलापूर्ति विभाग के सचिव धनंजय द्विवेदी ने प्रारंभ में इस योजना की विस्तृत जानकारी दी।