मुख्यमंत्री रुपाणी ने विश्वास जताया कि आत्मनिर्भर भारत जो प्रधानमंत्री का संकल्प हैं उसे साकार करने में गुजरात की महिलाएं अव्वल रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस 17 सितम्बर को मुख्यमंत्री महिला उत्कर्ष योजना की राज्य की मातृशक्ति को सौगात मिलेगी। कोरोना के बाद बदली आर्थिक-सामाजिक जीवनशैली में महिला शक्ति, माता-बहनों की आत्मनिर्भरता का नया मार्ग खुलेगा। राज्य की एक लाख महिला समूह की दस लाख महिलाओं को मुख्यमंत्री महिला उत्कर्ष योजना का लाभ मिलेगा। एक हजार करोड़ रुपए तक ऋण हिला समूहों को मिलेगा।
बैंक ऋण का ब्याज राज्य सरकार भुगतान करेगी बैंक ऋण का ब्याज राज्य सरकार भुगतान करेंगी और ऋण के लिए जरूरी स्टाम्प ड्यूटी में माफी मिलेगी। प्रति महिला समूह एक लाख का ऋण- सरकारी, सहकारी और निजी बैंक, आरबीआई मान्य वित्तीय संस्थाओं में मिलेगा।
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने बैंकों को इस योजना में जुडऩे का आह्वान किया है। राज्य सरकार शीघ्र ही इस योजना में जुडऩे के लिए बैंकों के साथ एमओयू (समझौता) करेगी। दस महिलाओं का एक समूह होगा, ऐसे एक लाख समूह बनाए जाएंगे। प्रत्येक समूह को एक लाख रुपए का ऋण दिया जाएगा।
प्रत्येक महिलाओं को अपना कारोबार, गृह उद्योग, व्यापार शुरू करने के लिए बगैर ब्याज पर ऋण दिया जाएगा। कोरोना के बाद जो हालात बने हैं उसमें महिलाएं अपने परिवार का आर्थिक आधार बनाकर छोटे से छोटे तबके को ऋण देने का मुख्यमंत्री का ध्येय साकार होगा।
ग्रामीण इलाकों की पचास हजार और शहरी इलाकों की पचास हजार इस तरीके से एक लाख महिला समूह को मुख्यमंत्री महिला उत्कर्ष योजना में शामिल करना मुख्यमंंत्री संवेदनशील दृष्टिकोण है। ग्रामीण इलाकों में योजना का क्रियान्वयन ग्रामीण विकास विभाग के गुजरात लाइवली हुड प्रमोशन कंपनी की ओर से किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में शहरी विकास विभाग का गुजरात अर्बन लाइवली हुड मिशन लागू किया जाएगा। श्वेत क्रांति में अव्वल गुजरात की महिलाएं अब मुख्यमंत्री महिला उत्कर्ष योजना के जरिए खुद का कारोबार शुरू कर अपना कौशल दिखा सकेंगी।