शहर स्थित महात्मा गांधी श्रम संस्थान (एमजीएलआई) में श्रम कोड पर आरंभ हुए दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों के लिए उनके निवास स्थान से कार्य स्थल तक नि:शुल्क रूप से यात्रा सुविधा उपलब्ध कराने पर विचार कर रही थी।
इसके लिए गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम (जीएसआरटीसी) के साथ-साथ कुछ योजनाएं बनाई जा रही हैं। इसके साथ ही अहमदाबाद और सूरत महानगरपालिका की ओर से संचालित बस सेवा का भी उपयोग इन श्रमिकों को लाने-ले जाने में किया जा सकता है। इसके तहत इन श्रमिकों को नि:शुल्क पास उपलब्ध कराया जा सकता है और सरकार महानगरपालिकाओं को भुगतान करेगी। ज्यादातर श्रमिक काफी गरीब होते हैं और उन्हें आने-जाने में ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं। राज्य सरकार इन श्रमिकों के इस बोझ को हल्का करने के प्रयास में है।
मित्रा ने यह भी कहा कि राज्य सरकार इन श्रमिकों के लिए रहने के लिए बड़े पैमाने पर डॉरमेटरी स्थापित करने पर विचार कर रही है। औद्योगिक इलाकों में श्रमिकों के रहने की इकाइयों का प्रावधान बनाया जा चुका है। इसके लिए अगले चार से पांच वर्षों में करीब 500 डॉरमेटरी हॉस्टल के निर्माण की योजना है। इस अवसर पर केन्द्रीय श्रम सेवा में उप श्रम आयुक्त डॉ ओंकार शर्मा और गुजरात श्रम विभाग में निदेशक भव्य वर्मा ने भी संबोधित किया।