अहमदाबाद. गुजरात सरकार ने किसानों की आत्महत्याओं को रोकने के लिए एक अनूठी पहल की है, जिसके तहत अब ग्राम पंचायत कार्यालय में पेस्टिसाइड लॉकर बनाए जाएंगे। बैंक के लॉकर की तरह इस लॉकर की भी दो चाबियां होंगी, दोनों चाबियां लगाने पर ही यह लॉकर खुलेगा। जिससे पेस्टिसाइड तक रात के समय किसानों की पहुंच आसान नहीं होगी और वे इसे खाकर आत्महत्या नहीं कर सकेंगे। देश में इस प्रकार से किसानों की आत्महत्या रोकने की संभवत: यह पहली योजना है। किसान अक्सर आत्महत्या करने के लिए पेस्टिसाइड का उपयोग करते हैं।
इससे जुड़ा प्रयोग भी महेसाणा जिले में किया जा चुका है। एक साल के दौरान इसके काफी उत्साहवर्धक परिणाम मिले। जिसके चलते गुजरात सरकार अब इसे पूरे राज्य में लागू करने जा रही है। राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने इसके लिए सुसाइड प्रिवेंशन एंड इम्पलिमेंटेशन रिसर्च इनीसिएटिव (स्पिरिट) नाम की एक अनूठी योजना भी तैयार की है।
राज्य के Health commissioner Jay Prakash shivhare स्वास्थ्य आयुक्त जयप्रकाश शिवहरे ने बताया कि Mehsana महेसाणा जिले के 120 गांवों में इसका पायलट प्रोजेक्ट किया गया। जिसे सफल परिणाम देखते हुए अब इस स्पिरिट योजना को राज्य के सभी जिलों में लागू किया जाएगा। उसके लिए शिक्षा विभाग, युवा एवं सांस्कृतिक विभाग, गृह विभाग, कृषि विभाग और सहकारिता विभाग के साथ समन्वय स्थापित किया है।
इससे जुड़ा प्रयोग भी महेसाणा जिले में किया जा चुका है। एक साल के दौरान इसके काफी उत्साहवर्धक परिणाम मिले। जिसके चलते गुजरात सरकार अब इसे पूरे राज्य में लागू करने जा रही है। राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने इसके लिए सुसाइड प्रिवेंशन एंड इम्पलिमेंटेशन रिसर्च इनीसिएटिव (स्पिरिट) नाम की एक अनूठी योजना भी तैयार की है।
राज्य के Health commissioner Jay Prakash shivhare स्वास्थ्य आयुक्त जयप्रकाश शिवहरे ने बताया कि Mehsana महेसाणा जिले के 120 गांवों में इसका पायलट प्रोजेक्ट किया गया। जिसे सफल परिणाम देखते हुए अब इस स्पिरिट योजना को राज्य के सभी जिलों में लागू किया जाएगा। उसके लिए शिक्षा विभाग, युवा एवं सांस्कृतिक विभाग, गृह विभाग, कृषि विभाग और सहकारिता विभाग के साथ समन्वय स्थापित किया है।
इस योजना के क्रियान्वयन से जुड़े गुजरात राज्य मेंटल हेल्थ अथोरिटी के नोडल ऑफिसर एवं मेंटल हेल्थ हॉस्पिटल अहमदाबाद के मेडिकल सुप्रीटेन्डेन्ट Dr.Ajay chauhan डॉ. अजय चौहान ने बताया कि NCRB राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े बताते हैं कि गुजरात में हर साल करीब सात से साढ़े सात हजार व्यक्ति आत्महत्या करते हैं। इसमेें ४० फीसदी लोग suicide आत्महत्या के लिए Pesticide पेस्टिसाइड (कीटनाशक दवाई) का उपयोग करते हैं।
स्पिरिट के तहत महेसाणा जिले में एक साल से इंडियन लॉ सोसायटी पूणे, स्नेहा सुसाइड प्रिवेंशन सेंटर चेन्नई, ट्रिम्बोस इंस्टीट्यूट नीदरलैंड और गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड हॉस्पिटल फॉर मेंटल हेल्थ अहमदाबाद के संयुक्त तत्वावधान में पंचायत कार्याल में पेस्टिसाइड लॉकर बनाए गए, जहां पेस्टिसाइड रखा गया। जिससे महेसाणा जिले में आत्महत्या के लिए उपयोग में लिए जाने वाले कीटनाशक के प्रतिशत में छह से सात फीसदी की गिरावट देखी गई। क्योंकि किसानों को आसानी से पेस्टिसाइड नहीं मिला। इससे आत्महत्या की दर भी घटी। इसे देखते हुए आगामी वर्ष जनवरी २०२० से इस योजना को पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
स्पिरिट के तहत महेसाणा जिले में एक साल से इंडियन लॉ सोसायटी पूणे, स्नेहा सुसाइड प्रिवेंशन सेंटर चेन्नई, ट्रिम्बोस इंस्टीट्यूट नीदरलैंड और गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड हॉस्पिटल फॉर मेंटल हेल्थ अहमदाबाद के संयुक्त तत्वावधान में पंचायत कार्याल में पेस्टिसाइड लॉकर बनाए गए, जहां पेस्टिसाइड रखा गया। जिससे महेसाणा जिले में आत्महत्या के लिए उपयोग में लिए जाने वाले कीटनाशक के प्रतिशत में छह से सात फीसदी की गिरावट देखी गई। क्योंकि किसानों को आसानी से पेस्टिसाइड नहीं मिला। इससे आत्महत्या की दर भी घटी। इसे देखते हुए आगामी वर्ष जनवरी २०२० से इस योजना को पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।