संस्कृति मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इस जगह पर लगातार हो रही खुदाई से इस बात का पता चला है कि यहां पर 2500 वर्ष पहले मानव बस्ती थी। मंत्रालय के मुताबिक यहां पर 50 साल से लगातार खुदाई हो रही थी। 2014 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने खुदाई शुरु की जिसमें कई अहम बातों का पता चला। यहां पर करीब 40 हजार पुरावेशष मिले हैं जिनमें सिक्के, बर्तन, शीप की चूडियां, मूर्ति सहित अन्य वस्तुएं शामिल हैं। 13525 वर्ग मीटर क्षेत्र में खुले म्यूजियम में इन्हीं 40 हजार पुरावशेष के माध्यम से वडनगर के 2500 साल पुराने इतिहास की जानकारी दी जाएगी। यहां के विकसित हो रहे सात चरणों के बारे में भी बताया जाएगा।खुदाई स्थल पर एक्सपेरिमेंटल वॉक-वे
देश में वडनगर ऐसा संभवत: एकमात्र स्थल है जहां पर इतनी सघन व लगातार खुदाई हुई है। यह खुला म्यूजियम खुदाई स्थल के पास ही बनेगा। यह देश में एक अनूठी पहल होगी। खुदाई स्थल पर एक्पेरिमेंटल वॉक-वे होगा।
बौद्ध व जैन धर्म का अहम केन्द्र प्राचीन साहित्य में व़डनगर का चमत्कारपुरा, अनर्तापुरा, आनंदपुर, नगर के नाम से जाना जाता रहा है। बताया जाता है कि 7वीं सदी में चीनी यात्री हुएनत्सांग वडनगर आया था और वडनगर को अनर्तापुर के रूप में उल्लेख किया था। यह सांस्कृतिक व धार्मिक केन्द्र रहा है। यह स्थल जैन धर्म और बौद्ध धर्म का अहम केन्द्र रहा है।
देश के पांच जीवंत (लिविंग) शहरों में एक है वडनगर केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक देश के पांच जीवंत शहरों में एक वडनगर भी है। अन्य शहरों में पाटलिपुत्र-पटना (बिहार), वाराणसी (यूपी), उज्जैन (मध्य प्रदेश), मदुरै (तमिलनाडु) शामिल हैं।
प्रेरणा स्कूल में आएंगे देश के 740 जिलों से बच्चे वडनगर के प्रेरणा स्कूल में देश भर के 740 जिले के बच्चे आएंगे। हर सप्ताह 30 बच्चे यहां आकर रहेंगे। यहां देश के बारे में गर्व करने को लेकर प्रेरणा दी जाएगी।रिडवलपमेंट प्लान के तहत 18वीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में निर्मित इस स्कूल को नया रूप दिया जा रहा है। एक भारत श्रेष्ठ भारत की तर्ज पर यहां बच्चे एक सप्ताह रहेंगे। इन बच्चों को यहां प्रेरित किया जाएगा।