२८ साल बाद पुन: कार्यरत होगी पुलिस शिकायत निवारण समिति
डीजीपी शिवानंद झा ने सीपी, एसपी को दिए निर्देश,शहर, जिलों के अलावा राज्य स्तर पर भी होगी सुनवाई
अहमदाबाद. गुजरात पुलिस बेड़े में शामिल कर्मचारी उनके दैनिक कामकाज के दौरान सामने आने वाली समस्याओं को ऊपरी अधिकारियों तक पहुंचा सकेंगे। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शिवानंद झा ने २८ सालों के बाद ‘पुलिस शिकायत निवारण समिति’ को कार्यरत करने का निर्देश दिया है।
शुक्रवार को राज्य के सभी पुलिस आयुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, सीआईडी क्राइम, आईबी के अधिकारियों को जारी किए गए निर्देश में शहर, जिला व यूनिट स्तर पर ‘पुलिस शिकायत निवारणÓ समिति की रचना करने को कहा गया है। इसमें पुलिस कर्मचारी, अधिकारी न सिर्फ अपनी कामकाज से जुड़ी समस्याओं की शिकायत कर सकेंगे बल्कि अपनी व्यक्तिगत और पारिवारिक समस्या भी पेश कर सकेंगे।
समिति की हर महीने के पहले सप्ताह में बैठक की जाएगी, जिसमें शिकायत समिति की ओर से निकारण करने के संदर्भ में कदम उठाए जाएंगे एवं मार्गदर्शन दिया जाएगा। हर शहर व जिले की समिति की बैठक भी हर महीने होगी। हर तीन महीने में राज्य स्तरीय समिति की भी बैठक होगी। इन सभी बैठकों की रिपोर्ट डीजीपी प्रशासन कार्यालय को भेजनी होगी। सिविलियन कर्मचारियों के साथ भी अधिकारियों को बैठक करने को कहा है। सीपी, एसपी भी हर महीने कर्मचारियों की शिकायत को सुनने के लिए एक दिन दें।
डीजीपी शिवानंद झा की ओर से शुक्रवार को इस बाबत जारी किए गए निर्देश (परिपत्र) में कहा गया है कि गुजरात गृह विभाग ने २० मार्च १९८९ को पुलिस कर्मचारियों की शिकायत के लिए निवारण समिति की रचना को मंजूरी दी गई है। लेकिन अभी तक इस बाबत कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए, जिसके चलते पुलिस कर्मचारियों को शिकायत करने के लिए कोई कारगर प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं है। कर्मचारियों की शिकायत का निवारण करना ऊपरी अधिकारियो की जिम्मेदारी है। ऐसे में यह समिति जल्द गठित हो और कार्यरत हो इसके लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है। समितियों में महिला कर्मचारियों को योग्य प्रतिनिधित्व देने की भी बात कही गई है।
जिला स्तरीय समिति में सभी थानों से पुलिस अधिकारी या कर्मचारी एवं पुलिस मुख्यालय की विभिन्न शाखाओं से एक कर्मचारी की नियुक्ति होगी। इसमें हथियारधारी, गैर हथियारधारी एएसआई, हेडकांस्टेबल, कांस्टेबल व प्रत्येक संवर्ग से कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। महिलाकर्मी भी होंगे।
कमिश्नरेटमें डिवीजन स्तर पर एक पुलिस अधिकारी/कर्मचारी,हेडक्वाटर से, क्राइम ब्रांच, कंट्रोलरूम से व महत्वपूर्ण शाखाओं से एक एक कर्मचारी की नियुक्ति की जाएगी।
एसआरपीएफ में और सीआईडी क्राइम व सीआईडी क्राइम आईबी में भी ऐसी समितियां गठित करनी होंगीं।
राज्य स्तरीय समिति
डीजीपी की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय पुलिस शिकायत निवारण समिति गठित की जाएगी। इसमें डीजीपी (प्रशासन), एडीजीपी (पुलिस रिफॉर्म), एडीजीपी (टेक्निकल सर्विस)-एक पीएसआई, एक रेंज आईजी, एक एसपी, एक कमांडेंट, एक गैरहथियारधारी उपाधीक्षक, सीआईडी क्राइम: एक हेडकांस्टेबल, एडीजीपी हथियारधारी शाखा, एक पीआई व एक हेडकांस्टेबल को नियुक्ति करेंगे। प्रत्येक कमिश्नरेट से एक पीआई, एक एएसआई व कांस्टेबल होंगे। आईबी से एक आईओ, जूनागढ़ रेंज से एक पीएसआई, बोर्डर रेंज से एक हेडकांस्टेबल, गांधीनगर रेंज से एक पीएसआई, वडोदरा रेंज से एक हेड कांस्टेबल, गोधरा रेंज से एक हेड कांस्टेबल की नियुक्ति रहेगी।
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