42 वर्षीय इनामदार ने अपने पत्र में लिखा कि वे भाजपा के अनुशासन व सिद्धांत के साथ चलते हुए अब तक जनता के हित से जुड़े काम करते आए हैं। प्रजा के सेवक के रूप में कई मुद्दों पर सरकार को बारंबार गुहार लगाने के बावजूद मंत्री व सरकार के उच्च अधिकारी विधायक के रूप में उनकी और उनके साथी विधायकों को भी नजरअंदाज करते हैं जो काफी दु:खद है।
इनामदार के मुताबिक उन्हें नजरअंदाज करना उनके मत क्षेत्र के लोगों के हितों को नजरअंदाज करना है। प्रजा के हित के लिए ही इस परिस्थिति का निर्माण हुआ है। उन्होंने लिखा कि उन्होंने अब तक सभी अनुशासन व विचारधारा को दिल से निभाया है, लेकिन इसके बावजूद नहीं चाहते हुए भी उन्हें जनता के हित में विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ रहा है।