पार्टी ने जितेंद्र खडायता को बनाया पार्टी का गुजरात संयोजक नियुक्त किया है वहीं मानब रंजन दत्ता को गुजरात का निरीक्षक किया है। केन्द्र में २०२४ के पहले भाजपा के खिलाफ ममता विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगी हुई हैं। इसके मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल के बाहर सात राज्यों में अपना प्रभुत्व बनाने की कोशिश में लगी हैं। इनमें गुजरात के साथ-साथ त्रिपुरा, असम, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु और झारखंड शामिल हैं।
खडायता का कहना है कि फिलहाल पार्टी का संगठन बनाना बाकी है। लेकिन पार्टी २०२२ के विधानसभा के साथ-साथ २०२४ के लोकसभा चुनावों को लेकर तैयारी में लगी है। खडायता के मुताबिक कोलकाता में २००३ में पार्टी के यूथ कार्यकर्ता के मारे जाने को लेकर शहीद दिवस के अवसर ममता बनर्जी के भाषण को गुजरात में भी लाइव प्रसारण किया गया था।
नहीं उभर सका कभी तीसरी शक्ति का प्रभुत्व हालांकि गुजरात में पिछले कई वर्षों से भाजपा व कांग्रेस-दो प्रमुख ्रराजनीतिक दलों का ही प्रभुत्व रहा है। राज्य में तीसरे राजनीतिक दल को कोई जगह नहीं मिल सकी है।
गत विधानसभा चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री केशू भाई पटेल व शंकर सिंह वाघेला ने तीसरी शक्ति के रूप में उभरने की नाकाम कोशिश कर चुके हैं।
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पार्टी संगठन की तैयारियां जारी हैं। केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से फिलहाल सांगठनिक तैयारियों का निर्देश दिया गया है। २०२२ विधानसभा चुनाव के साथ-साथ २०२४ के लोकसभा चुनाव को लेकर ज्यादा फोकस की बात ध्यान में रखी हुई है।
जितेन्द्र खडायता, तृणमूल कांग्रेस के गुजरात संयोजक ————–