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अहमदाबाद

सालभर में कभी भी दे सकेंगे सीएस की प्रवेश परीक्षा

आईसीएसआई ने की फाउंडेशन परीक्षा पद्धति खत्म करने की घोषणा,एक मार्च से एक्जीक्यूटिव व प्रोफेशनल प्रोग्राम का कोर्स भी बदला

अहमदाबादMar 10, 2018 / 10:38 pm

Nagendra rathor

icsi chairman
अहमदाबाद. कंपनी सचिव (सीएस)बनने के लिए अब आप सालभर में जब चाहें तब कभी भी अपनी अनुकूलता के हिसाब से प्रवेश परीक्षा दे सकेंगे। इसके लिए आपको जून या दिसंबर महीने तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) ने कंपनी सचिव बनने के लिए 12वीं उत्तीर्ण परीक्षार्थियों के लिए होने वाली फाउंडेशन प्रोग्राम परीक्षा वाली पद्धति को खत्म करने की घोषणा की है। इसकी जगह प्रवेश परीक्षा लागू करने का ऐलान किया है, जिसे ऑनलाइन साल में कभी भी दिया जा सकेगा। बहुत जल्द प्रवेश परीक्षा के क्रियान्वयन की तिथि का ऐलान किया जाएगा।
आईसीएसआई के अध्यक्ष मकरंद ले ले ने शनिवार को अहमदाबाद में संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि फाउंडेशन प्रोग्राम न चाहते हुए भी सीएस बनने के लिए तीसरी परीक्षा बन रहा था। जबकि सीएस बनने के लिए फाउंडेशन दिए बिना भी स्नातक करके सीधे एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम में प्रवेश लिया जा सकता है। फाउंडेशन प्रोग्राम 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम में प्रवेश की परीक्षा ही था। तय चार पेपर से ही प्रश्न पूछे जाते थे। जो हर छह महीने जून-दिसंबर में होती थी,लेकिन अब इसकी जगह संस्थान प्रवेश परीक्षा लागू कर रहा है। प्रवेश परीक्षा में भी १००-१०० अंक के ४ पेपर होंगे। परीक्षा ऑनलाइन होगी, जिसमें वस्तुनिष्ठ प्रकार के (एमसीक्यू) प्रश्न होंगे, जिसमें प्रश्न के जवाब के चार विकल्पों में से सही विकल्प को चुनना होगा। उसे सालभर में कभी भी दिया जा सकेगा।
प्रवेश परीक्षा के चार पेपरों का भी कोर्स तो होगा, लेकिन चार पेपरों में विद्यार्थियों के करों से जुड़े प्रावधानों की प्राथमिक जानकारी केसाथ उनका सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी, इंटरप्रिटेशन ज्ञान भी परखा जाएगा। जिससे प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की गुणवत्ता सुधरेगी। अभी सालाना करीब २० हजार परीक्षार्थी फाउंडेशन की परीक्षा देते हैं, जिसका परिणाम १० से १५ प्रतिशत के करीब रहता है। प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने पर विद्यार्थी एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम में प्रवेश पाएंगे।
लेले ने बताया कि हर पांच साल में संस्थान अपने पाठ्यक्रम को परिवर्तित करता है। वर्ष २०१२ में कोर्स बदला था। अब एक मार्च २०१८ से एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम और प्रोफेशनल प्रोग्राम में नया कोर्स लागू किया है। नए कोर्स मे सीएस के तीन कोर एरिया गवर्नेंस, कंप्लाइंस और रिस्क मैनेजमेंट पर ६०-७० प्रतिशत फोकस रखा है। नए कोर्स के तहत एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम की परीक्षा दिसंबर-२०१८ में ली जाएगी। प्रोफेशनल प्रोग्राम की पहली परीक्षा जून-२०१९ में होगी। नए कोर्स के लिए ऑनलाइन पंजीकरण एक मार्च २०१८ से शुरू हो गया है।
उन्होंने बताया कि अभी तक एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम में सात पेपर होते थे और प्रोफेशनल में नौ अब नए कोर्स में एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम में आठ और प्रोफेशनल प्रोग्राम में नौ पेपर होंगे। नौवां पेपर इलेक्टिव होगा, जिसके लिए आठ क्षेत्र उपलब्ध होंगे। उसमें परीक्षार्थी ओपन बुक से एक्जाम दे सकेंगे। सभी पेपर १००-१०० अंक के होंगे।
नए कोर्स में जीएसटी को शामिल करने के अलावा कंपनी लॉ व अन्य कानूनों में हुए बदलावों को भी इसमें शामिल किया गया है। नए कोर्स में थियरी से ज्यादा प्रायोगिक पहलू पर ज्यादा भार दिया गया है। बदले हुए पाठ्यक्रम का प्रारूप वेबसाइट पर अपलोड किया जा चुका है।
मार्च-१८ से पहले पंजीकृत दिसंबर-१९ तक दे सकेंगे परीक्षा
लेले ने बताया कि जिन विद्यार्थियों ने एक मार्च २०१८ से पहले पुराने कोर्स के आधार पर एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम में पंजीकरण कराया है। वह दिसंबर २०१९ तक पुराने कोर्स के आधार पर ही अपनी परीक्षा दे सकेंगे। इसके बाद जून-२०२० में होने वाली परीक्षा नए कोर्स के आधार पर ही ली जाएगी।
नए प्रोफेशनल प्रोग्राम की परीक्षा के लिए एक सितंबर २०१८ से पंजीकरण शुरू हो जाएगा। इससे पहले पंजीकरण करानेवाले विद्यार्थी जून-२०२० तक पुराने कोर्स के आधार पर प्रोफेशनल प्रोग्राम की परीक्षा दे सकते हैं। नए कोर्स के आधार पर प्रोफेशनल प्रोग्राम की पहली परीक्षा जून-२०१९ में होगी।

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