अहमदाबाद. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने राजनीति में वंशवाद पर कहा कि राजनेता की संतान होना राजनीति में सफल होने की गारंटी नहीं है। इसका कुछ फायदा जरूर होता है, लेकिन सफलता के लिए खुद का जमीनी स्तर से जुड़ाव और समर्पण जरूरी है। जनता काफी होशियार है। राजनीति में आने का निर्णय पूरी तरह से उनका था। उनके संदेश, नीति को युवाओं ने सुना, समझा और सराहा।
वह सोमवार को भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम-ए) में अहमदाबाद व गांधीनगर के संस्थानों से आए विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वह चाहेंगे कि उनके बेटे जो बनना चाहते हैं वह बनें इसका निर्णय वह खुद करें। जस्टिन ट्रूडो के पिता पियर ट्रूडो भी कनाडा के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। ट्रूडो ने कहा कि राजनीति बहुत कठिन, कुछ मायनों में अरुचिकर और कुछ मायनों में अविश्सनीय लाभ पहुंचाने वाली है।
उन्होंने खुद को नारीवादी व्यक्ति बताते हुए कहा कि जो व्यक्ति महिला-पुरुष की समानता की वकालत करता हो वह भी नारीवादी है।
उन्होंने कहा कि किसी भी देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी सबसे अहम है। इसके बिना देश का बेहतर विकास संभव नहीं है, क्योंकि उसमें आधी आबादी का जो योगदान होना चाहिए वह नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में काफी हद तक सभी समुदायों, लैंगिक समानता को रखने की कोशिश की है, लेकिन वह जिस पार्टी से आते हैं उसमें विजेता महिला सदस्यों का प्रतिशत २६ फीसदी है। वह चाहते हैं इसमें वृद्धि हो।
उन्होंने रिफ्यूजी लोगों को आश्रय देने और उनके विकास के लिए सभी देशों को
काम करने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि रिफ्यूजी या फिर इमीग्रेशन करके जो व्यक्ति आपके देश में अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आता है। आप उसे आश्रय देते हो तो वह आपके देश के विकास के लिए जी जान लगाकर काम करता है।
उन्होंने उनकी और अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप की समानता किए जाने पर कहा कि हां वह कुछ मायनों में ट्रंप के समान हैं, क्योंकि दोनों ही नेता अपने देश के मध्यम वर्ग की बेहतरी के लिए प्रयासरत हैं।
ट्रूडो ने कहा कि आज विश्व में उदासीनता पूर्ण मत बढ़ रहा है, जो चिंताजनक है। हमें उदासीन नहीं बल्कि आशावादी बनने की जरूरत है। उम्मीद होगी तभी विकास होगा। खुद अपने आप को बेहतर बनाने से शुरूआत करो विकास जरूर होगा। आप जैसा विश्व देखना चाहते हैं उसी के अनुरूप व्यवहार और कार्य करो।
महात्मा गांधी प्रेरणा स्त्रोत ट्रूडो ने एक सवाल के जवाब में कहा कि महात्मा गांधी उनके लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। गांधी के सत्य, अहिंसा, शांति, अनुकंपा के मूल्य, विचार और उसके पीछे का दृष्टिकोण व भाव सही मायने में प्रासंगिक है। इससे वह काफी प्रभावित हुए हैं। आक्रामक हुए बिना, लड़़ाई-झगड़ा किए बिना, अपने आप को मजबूत बनाकर अपने मूल्यों के साथ, अहंकार के बिना खड़े रहना काफी मुश्किल है। लेकिन महात्मा गांधी ने यह कर दिखाया। जो उत्कृष्ट है।
भारत-कनाडा के बीच ८ बिलियन का व्यापारट्रूडो ने कहा कि भारत और कनाडा के बीच अभी ८ बिलियन डॉलर का वस्तु से जुड़ा व्यापार है और करीब दो बिलियन का सेवा क्षेत्र से जुड़ा व्यापार है। इसमें विकास की बहुत संभावनाएं हैं। कनाडा मुक्त व्यापार और इमीग्रेशन नीति वाला देश है। अभी कनाडा में करीब सवा लाख भारतीय हर साल जाते हैं, जिसमें इमीग्रेशन के मामले में भारत दूसरा सबसे बड़ा देश है। गुजरात की बात करें तो यह टॉप-2 या तीसरा राज्य होगा।
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