अब आईआईएम-अहमदाबाद भी सौर ऊर्जा से हो रहा रोशन
IIM-Ahmedabad, Solar energy, rooftop, New campur, education, Gujarat, Ahmedabad नए परिसर की छत पर पहले चरण में लगाए ३६५ केडब्ल्यूपी क्षमता के सौर पैनल, सितंबर अंत तक ८० हजार यूनिट पैदा की बिजली, ७० टन कार्बन उत्सर्जन रोका
अब आईआईएम-अहमदाबाद भी सौर ऊर्जा से हो रहा रोशन
अहमदाबाद. भारतीय प्रबंध संस्थान अहमदाबाद (आईआईएम-ए) भी अब सौर ऊर्जा के जरिए रोशन होने लगा है। देश-विदेश में प्रबंधन शिक्षा के मामले में शुमार आईआईएम-ए अब राज्य व देश के उन शैक्षणिक संस्थानों में शामिल हो गया है, जिनमें सौर ऊर्जा के जरिए अपनी आवश्यकता की काफी हद तक बिजली को पैदा करने की पहल की जा रही है। आईआईएम-ए ने अपने नए परिसर की इमारतों की छत पर सौर ऊर्जा पैनल लगाए हैं। इनमें पहले चरण में 365 केडब्ल्यूपी क्षमता के साथ पांच भवनों (छात्रावास, एमएसएच (विवाहित छात्रावास), आईएमडीसी स्कंधों, अकादमिक भवन-समूह और सबस्टेशन) शामिल हैं।
यूं तो संस्थआन ने 14 जुलाई से ही ट्रायल रन शुरू कर दिया है। अब जब संयंत्र पूरी तरह से चालू हो गया है। तो इसकी घोषणा की है।
संस्थान की ओर से कहा गया है कि जुलाई से लेकर सितंबर 2020 के अंत तक छतों पर लगे सौर ऊर्जा पैनल के माध्यम से संस्थान ने लगभग 80000 यूनिट बिजली पैदा की है। ऐसा करके लगभग 70 टन सीओ2 (कार्बन डाइऑक्साइड) के उत्सर्जन को रोका है।
संस्थान का कहना है कि उन्हें एक शैक्षणिक दिन के हिसाब से पहले चरण में नए परिसर की बिजली खपत में से 15त्न तक की बिजली इस सौर ऊर्जा पहल के जरिए प्राप्त होने की उम्मीद है।
संस्थान का कहना है कि आगामी कुछ महीनों में दूसरे चरण की भी शुरूआत की जाएगी और उसमें लगभग 50 केडब्ल्यूपी और क्षमता को जोडा जाएगा। उसके बाद चरणबद्ध तरीके से संस्थान अपनी जरूरत का करीब 50 फीसदी तक की बिजली संस्थान परिसर की छतों पर सौर ऊर्जा पैनल लगाकर बिजली पैदा करेंगे।
वैसे आईआईटी गांधीनगर, गुजरात विद्यापीठ सरीखे कुछ संस्थान पहले से ही अपनी इमारतों की छतों पर और परिसर में सौर ऊर्जा पैनल लगाकर अपनी जरूरत की काफी हद तक की बिजली को खुद ही पैदा कर रहे हैं।
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